सर्वोच्च न्यायालय ने आंगनवाड़ी सेवाओं को फिर से खोलने को लेकर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश दिया है। कोर्ट ने 31 जनवरी तक आंगनवाड़ी सेवाओं को खोलने का निर्णय लेने को कहा है। इसके साथ ही अदालत ने कंटेनमेंट जोन को इससे बाहर रखा है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि खाद्य सुरक्षा कानून के तहत प्रदान किए जाने वाले पोषण संबंधी मानक गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और कुपोषण से पीड़ित बच्चों तक पहुंचें।
शीर्ष अदालत ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को भी इस संबंध में 31 जनवरी तक निर्णय लेने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अपने संबंधित राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों से परामर्श करने के बाद ही आंगनवाड़ियों को खोलने की व्यवस्था करनी चाहिए।
Supreme Court orders that State and Union Territories shall take decision by January 31 on the opening of Anganwadi services across the country except in containment zones. pic.twitter.com/3s0UaakB0E
— ANI (@ANI) January 13, 2021
कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर देश के कई राज्यों में आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद कर दिया गया था। याचिकाकर्ता दिपिका जगतराम सहनी ने सुप्रीम कोर्ट से आंगनवाड़ियों को फिर से खोलने संबंधित दिशा-निर्देश देने की मांग की थी। याचिका में दावा किया गया था कि देश के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों के अचानक बंद हो जाने से बच्चों और माताओं को पौष्टिक भोजन नहीं मिल पा रहा है।
बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आंगलवाड़ी केंद्रों को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों से जवाब तलब किया था। साथ ही कोर्ट ने आंगनवाड़ी कर्मचारियों द्वारा वच्चों और महिलाओं को पोषक आहार उपलब्ध कराने को कहा था। आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से शून्य से छह वर्ष के बच्चे एवं गर्भवती महिलाओं को सूखा राशन दिया जाता है।