नई दिल्ली। दुनिया के कुछ हिस्सों में कोरोना वायरस वैक्सीन लगनी शुरू हो चुकी है। भारतीय सरकार भी इस सप्ताह देशभर में कोरोना वायरस वैक्सीन की सबसे बड़ी ड्राइव के लिए तैयार है। फिर भी, स्वास्थ्य विशेषज्ञ लोगों को सुरक्षा के दिशानिर्देश का पालन करने की चेतावनी देते रहे हैं, ताकि वायरस के प्रसार को कम किया जा सके।
वैक्सीन के बावजूद क्यों ज़रूरी है स्वच्छता
हैंडवॉशिंग को कोरोनो वायरस संक्रमण और अन्य बीमारियों को रोकने के लिए एक प्रभावी उपकरण के रूप में पहचाना गया है। साबुन से हाथ धोना SARS-CoV-2 वायरस के खिलाफ बचाव का सबसे अच्छा तरीका है।
हम अपने हाथों को धोए बिना चेहरे को छूते हैं, तो संक्रमण फैलने की संभावना अधिक हो जाती है। कोविड-19 संक्रमण से बचने के लिए शारीरिक दूरी और मास्क पहनने के साथ-साथ हैंडवॉशिंग एक प्रमुख प्रोटोकॉल है।
हाथों को धोने या सैनीटाइज़ करना कब ज़रूरी है?
डॉक्टरों के मुताबिक, आपको इन मौकों पर अपने हाथों को धोना या सैनीटाइज़ करना ज़रूरी है:
– हाथों में छींकने के बाद।
-दरवाज़े के हैंडल या नॉब या फिर लिफ्ट के बटन को छूने पर।
– कार, सीड़ियों के रेलिंग, मेट्रो या फिर सार्वजनिक परिवाहन से उतरने के बाद।
– बाज़ार से खरीदी सब्ज़ियों, पैकेज को छूने के बाद।
– मास्क को पहनते या उतारते वक्त
– खाना खाने से पहले या बाद में या फिर खाने को छूने से पहले।
– कच्चा मांस, पोल्ट्री प्रोडक्ट्स या मच्छली को छूने के बाद।
– कूड़े को छूने के बाद या फिर गंदे सतहे जैसे कूड़े का बिन, सफाई का कपड़े को छूने पर।
– किसी और व्यक्ति की नाक साफ करने के बाद।
– दवाइयों को लेने से पहले।
– जब किसी बीमार व्यक्ति की सेवा कर रहे हों तब, या फिर खून या उल्टी या थूक के संपर्क में आने पर।
– किसी तरह के घाव का इलाज करते वक्त।
– कॉन्टेक्ट लेन्स पहनने से पहले।
– पाल्तू जानवरों के साथ होने पर।
– वॉशरूम का इस्तेमाल करने के बाद।