बिलासपुर। कुत्ते के काटने से मौत होने पर मुआवजा और पूर्ण दिव्यांग होने पर भी मुआवजा मिलने का प्रावधान है। लेकिन छत्तीसगढ़ में कुत्ते के काटने से बेटे की मौत होने पर भी पीड़ित परिवार को मुआवजा नहीं मिलेगा। बिलासपुर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सिंगल बेंच के मुआवजे के फैसले पर डबल बेंच ने रोक लगा दी है।
दरअसल अक्टूबर 2018 में कुत्ते के काटने से 38 वर्षीय गेंदलाल गोंड की मौत हो गई थी। गेंदलाल के पिता भैयालाल गोंड ने अपने बेटे की मौत पर मुआवजा के लिए हाईकोर्ट में अपील किया था। जून 2019 में दोनों पक्षों में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की एकल बेंच ने आवेदक भैयालाल गोंड के पक्ष में फैसला सुनाया था और राज्य सरकार को मुआवजा के तौर पर 10 लाख रुपये देने निर्देशित किया था।
लेकिन सिंगल बेंच के फैसले को छतीसगढ़ शासन ने हाईकोर्ट की डबल बेंच में अपील की। जिस पर सुनवाई के दौरान शासन के पक्ष को विधिअनुरुप पाते हुए सिंगल बेंच के फैसले पर रोक लगा दी है। जिससे अब पीड़ित परिवार को मिलने वाले 10 लाख रुपए मुआवजा नहीं मिलेगा। इस प्रकरण में छतीसगढ़ शासन की ओर से महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा और उप महाधिवक्ता सुदीप अग्रवाल ने की है।