नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि बच्चों, गर्भवती और स्तनपान करा रही महिलाओं को कोरोना का टीका न लगाया जाए। इसके साथ ही वैक्सीन में बदलाव की इजाजत नहीं होगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को राज्यों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए। इसमें कहा गया कि वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की अनुमति 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए ही दी गई है। बच्चों को टीका कतई नहीं लगेगा।
गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी टीका नहीं लगेगा क्योंकि दोनों वैक्सीन के विभिन्न चरणों के परीक्षण में गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को शामिल नहीं किया गया था। स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी की ओर से राज्यों को लिखे गए पत्र में वैक्सीन में बदलाव न करने की सख्त हिदायत दी गई है।
पत्र में कहा गया कि जिसे पहला टीका जिस वैक्सीन का लगा है उसे दूसरी डोज भी उसी वैक्सीन की दी जाएगी। दोनों टीकों के बीच कम से कम 14 दिन का अंतराल रखना होगा। पत्र में दोनों वैक्सीन की विशेषताओं के बारे में जानकारी देने के साथ टीका लगवाने के बाद होने वाली छोटी-मोटी दिक्कतों के बारे में भी बताया गया है। पत्र में इन जानकारियों को नीचे तक पहुंचाने को कहा गया है ताकि टीकाकरण के काम में लगे कर्मचारी हर तरह की स्थिति से निपटने में सक्षम हो सकें।
टीका लगाने से पहले लोगों की मेडिकल हिस्ट्री पता करने की हिदायत दी गई है। जिन्हें किसी तरह की एलर्जी है उन्हें टीका देने से पहले सावधानी बरतने को कहा गया है। ऐसे लोग जिन्हें सार्स या कोरोना के इलाज में एंटी सार्स मोनोक्लोनल एंटीबाडी दी गई हैं या प्लाज्मा दिया गया है, जो किसी बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती रहे हों, बीमार रहे हों, उन्हें ठीक होने के चार से आठ हफ्ते बाद टीका लगाया जाए। टीका लगने के बाद किसी व्यक्ति को यदि दिक्कत होती है तो उसे पैरासीटामोल देने की सलाह दी गई है।