एमपी/छग। देश के 11 राज्यों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। छत्तीसगढ़ के बालोद में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद शनिवार को गिधाली के पोल्ट्री फार्म की 10 हजार मुर्गियों को दफनाया गया। संक्रमित पोल्ट्री फॉर्म को सील कर दिया गया है। इसके संचालक और वहां काम करने वाले 2 कर्मचारियों समेत 15 लोगों को होम आइसोलेशन में रहने के निर्देश दिए गए हैं।
इससे पहले शुक्रवार को गिधाली के ही दूसरे पोल्ट्री फॉर्म में लगभग 1200 मुर्गियों को दफनाया गया था। 10 किलोमीटर के इलाके में प्रशासन हालात की मॉनिटरिंग कर रहा है।
पंजाब में बर्ड फ्लू के संकेत मिले
इधर, पंजाब में बर्ड फ्लू के संकेत मिले हैं। जालंधर की नॉदर्न रीजनल डिजीज डायग्नोस्टिक लैबोरेटेरी (NRDDL) ने मोहाली के दो पोल्ट्री फार्म के सैंपल को संदिग्ध माना है। फाइनल टेस्टिंग के लिए सैंपल भोपाल भेजे गए हैं। NRDDL के अधिकारियों के मुताबिक, बर्ड फ्लू के RT-PCR टेस्ट में पॉजिटिव सैंपल पॉजिटिव मिले है।
इन 11 राज्यों में संक्रमण की पुष्टि
1. केरल
2. राजस्थान
3. मध्य प्रदेश
4. हिमाचल प्रदेश
5. हरियाणा
6. गुजरात
7. उत्तर प्रदेश
8. महाराष्ट्र
9. दिल्ली
10. उत्तराखंड
11. छत्तीसगढ़
हिमाचल: अब तक 4874 विदेशी पक्षियों की मौत
हिमाचल प्रदेश में बर्ड फ्लू से मरने वाले विदेशी पक्षियों की संख्या अब 4874 हो गई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि बर्ड फ्लू से घबराने की जरूरत नहीं है। हालात काबू में हैं। प्रदेश में केवल पौंग बांध में ही वायरस से पक्षियों की मौत हुई है। एहतियात के तौर पर प्रदेश में बाहर से आ रही पोल्ट्री की सप्लाई रोक दी गई है। मामले दिन-ब-दिन कम हो रहे हैं।
मध्य प्रदेश: 27 जिलों में पहुंचा संक्रमण
प्रदेश में बर्ड फ्लू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। शुक्रवार को आठ नए जिलों में इस वायरस का संक्रमण मिला। इनमें हरदा, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, डिंडोरी, मंडला, सागर, धार और सतना शामिल हैं। इन्हें मिलाकर अब तक 27 जिलों में इसकी पुष्टि हो चुकी है। हरदा के रहटगांव में मुर्गी में वायरस मिला है। अब यहां एक किलोमीटर के दायरे में मुर्गियों को मारा जाएगा। शेष जिलों में कौवों में यह पाया गया है। इधर, शुक्रवार को भोपाल में दो कबूतर मरे पाए गए। इनमें एक कोलार रोड और दूसरा नीलबड़ में पाया गया।
राजस्थान: जयपुर जू में भी बर्ड फ्लू की एंट्री
बर्ड फ्लू अब राजस्थान के 16 जिलों में फैल चुका है। चार दिन पहले जयपुर जू में मृत मिले कॉमन डक में शुक्रवार को H5N8 एवियन इनफ्लुएंजा की पुष्टि हुई। जिले में पहले ही बर्ड फ्लू के मामले मिल चुके हैं लेकिन जू में बर्ड फ्लू मिलने से चिंता बढ़ गई है। यहां कॉमन डक समेत 22 प्रजातियों के करीब 370 पक्षी हैं। इनमें से 10 कॉमन डक, 1 ब्लैक स्टार्क और 2 पैलिकन संक्रमित पाई गई हैं। 6 कॉमन डक, एक ब्लैक स्टार्क और एक पैलिकन की मृत्यु हो चुकी है। 11 जनवरी से ही जू को बंद कर दिया गया है।
इधर, प्रदेश में पक्षियों की मौत का आंकड़ा अब 5 हजार के करीब पहुंच चुका है। अब तक 4915 पक्षियों की मौत हो चुकी है, इनमें से 3495 कौवे, 261 मोर, 367 कबूतर और 792 अन्य पक्षी हैं। शुक्रवार को 134 कौवों समेत 244 पक्षियों की मौत हुई है।
क्या है बर्ड फ्लू वायरस?
इसे एवियन इनफ्लुएंजा वायरस भी कहते हैं। बर्ड फ्लू के सबसे कॉमन वायरस का नाम H5N1 है। यह एक खतरनाक वायरस है जो चिड़ियों के साथ इंसान और दूसरे जानवरों को भी संक्रमित कर सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, H5N1 को 1997 में खोजा गया था। इस वायरस से संक्रमित होने पर 60% मामलों में मौत हो जाती है।
बर्ड फ्लू का संक्रमण किन्हें हो सकता है?
संक्रमण होने पर यह वायरस शरीर में लम्बे समय तक रहता है। पक्षियों में संक्रमण होने पर वायरस उसमें 10 दिन तक रहता है। यह मल और लार के रूप से बाहर निकलता रहता है। इसे छूने या सम्पर्क में आने पर संक्रमण हो सकता है।