कोरोना के खिलाफ जंग के बीच टीकाकरण अभियान की शुरुआत स्वास्थ्य कर्मियों को टिका लगाकर की गई। टीकों के असर को लेकर अफवाहों को देखते हुए डॉक्टरों ने जोर देकर कहा कि टीके पूरी तरह सुरक्षित व प्रभावी है।महामारी को नियंत्रित करने में केंद्र सरकार व राज्य सरकार दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। टीकाकरण केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि बच्चों, गर्भवती और स्तनपान करा रही महिलाओं को कोरोना का टीका न लगाया जाये। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने दिशा निर्देश में कहा है कि वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की अनुमति 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए ही दी गई है।राज्यों को वैक्सीन में बदलाव न करने की सख्त हिदायत दी गई है।किसी व्यक्ति को पहली खुराक जिस टीके की लगेगी, दूसरी डोज भी उसी की दी जायेगी।दो खुराक के बीच 14 दिन का अंतर रहेगा।वैक्सीन लगवाने बूथ तक पहुंचने वाले प्रत्येक व्यक्ति को लगभग पौने घंटे का वक़्त लगेगा।उन्हें टीका लगवाने वाले से पहले दो स्थानों पर जाँच के दौर से गुजरना होगा।इसके बाद वैक्सिनेशन के लिए अपनी बारी का इंतजार करना होगा। टीका लगने के बाद उन्हें पौन घंटे निगरानी में रखा जायेगा कि उन्हें किसी तरह का साइड इफ़ेक्ट तो नहीं है। ऐसा होने पर उन्हें ईलाज के लिए जिला अस्पताल या नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुचाने की व्यवस्था भी की गई है