रायपुर। धान खरीदी में बारदानों की कमी को दूर करने सरकार ने नया रास्ता निकाल लिया है। अब इसके लिए पीडीएस के बारदानों का भी उपयोग किया जाएगा। यही वजह है कि फरवरी का राशन जनवरी में ही दिया जाएगा। सभी जिलों के खाद्य नियंत्रक एवं खाद्य अधिकारियों से राशन वितरण के बाद पीडीएस के बारदाने धान खरीदी के लिए उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
मिलरों से 2 लाख 69 गठान बारदाना लेने का लक्ष्य रखा गया है। जबकि अब तक एक लाख 42 हजार 360 गठान बारदानें ही मिले हैं और 60 हजार 110 गठान बारदाना लेना शेष है। इसी तरह खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग में उपयोग हुए जूट बारदानों का उपयोग अब धान खरीदी के लिए किया जाएगा।
यानी कि खाने-पीने की सामग्री में जिन बारदानों का उपयोग किया जाता था, उसका उपयोग धान खरीदी में किया जाएगा। सीएम भूपेश बघेल के निर्देशानुसार खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने सभी कलेक्टरों को स्थानीय बारदाना कारोबारियों से सहकारी समितियों और किसानों को उपयुक्त दरों पर ऐसे बारदाने की आपूर्ति करवाने के निर्देश दिए हैं।
आदेश में कहा गया है कि खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग में उपयोग किया गया जूट का बारदाना एक बार ही उपयोग किया गया होना चाहिए। बारदाने की भराई क्षमता 50 किलोग्राम ही होनी चाहिए। उसके शेष मापदंड पुराने बारदानों के लिए विभाग की ओर से तय मापदंडों के मुताबिक ही होने हैं। इस बारदाने को भी सरकार 15 रुपया प्रति बोरा की दर से ही खरीदेगी।
उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व धान खरीदी के लिए नया जूट बारदाना, एचडीपीई, पीपी बारदाना, पीडीएस बारदाना, मिलरों, किसानों से प्राप्त बारदानों और समिति द्वारा उपलब्ध कराए गए पुराने जूट बारदानों की उपयोग के निर्देश दिए गए थे। अधिकारियों ने बताया, सरकार ने बारदानों की संभावित कमी को टालने के लिए खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग में उपयोग किए गए जूट के बारदानों का भी उपयोग करने की अनुमति दी है।