नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस को हराने के लिए टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ टीकाकरण अभियान का आगाज किया। वहीं टीकाकरण अभियान के पहले ही दिन देश में करीब 2 लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन दी गई।
देश में कोरोना वायरस के संक्रमित मामले 1 करोड़ के पार हो चुके हैं। इसके बाद देश में कोरोना वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ और ‘कोवैक्सीन’ को मंजूरी दी गई। जिसके बाद देश में 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत में टीकाकरण के पहले दिन 3352 केंद्रों पर 1,91,181 स्वास्थ्यकर्मियों और सफाईकर्मियों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई है।
नर्स हुई बेहोश
वहीं देश में कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद कुछ लोगों में हल्के साइड इफेक्ट भी देखने को मिले हैं। वैक्सीन लगने के बाद दिल्ली स्थित एम्स में एक गार्ड को एलर्जी होने और पश्चिम बंगाल में एक नर्स को बेहोश होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। अधिकारियों ने बताया कि कोलकाता में 35 वर्षीय एक नर्स कोविशील्ड टीका लगने के बाद बेहोश हो गई, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
गार्ड को हुई एलर्जी
वहीं दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में शनिवार को एक गार्ड को कोवैक्सीन टीके की पहली खुराक लगाए जाने के बाद एलर्जी हो गई, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया के मुताबिक शनिवार शाम चार बजे के बाद इस सुरक्षा गार्ड को टीका लगाया गया और उसके 15-20 मिनट बाद उसकी धड़कनें बढ़ गई और उसके शरीर पर चकत्ते हो गए जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती किया गया।
गुलेरिया ने कहा कि उसका तत्काल उपयुक्त उपचार किया गया और उसकी स्थिति सुधरी। अब उसकी स्थिति स्थिर है। एहतियात के तौर पर उसे रातभर के लिए चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया और उसकी स्थिति पर नजर रखी जा रही है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक एईएफआई (टीकाकरण के बाद के प्रभाव) का एक गंभीर और 51 मामूली मामले उन स्वास्थ्यकर्मियों में सामने आए, जिन्हें दिल्ली में शनिवार को कोविड-19 टीकाकरण के पहले दिन कोरोना वायरस टीका लगाया गया।
इन्होंने भी ली वैक्सीन
देश में टीकाकरण अभियान शुरू होने के पहले दिन स्वास्थ्यकर्मियों के साथ-साथ एम्स दिल्ली के निदेशक रणदीप गुलेरिया, नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल, बीजेपी सांसद महेश शर्मा और पश्चिम बंगाल के मंत्री निर्मल माजी उन लोगों में शामिल रहे जिन्हें टीके की पहली खुराक दी गई।
बता दें कि पूरे भारत में बड़े पैमाने पर टीकाकरण का रास्ता साफ करते हुए भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने इस महीने की शुरुआत में ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका के जरिए विकसित और सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के जरिए निर्मित ‘कोविशील्ड’ के साथ ही भारत बायोटेक की ओर से विकसित स्वदेशी ‘कोवैक्सीन’ टीके के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी थी।
कोविड-19 से बचाव के लिए वैक्सीन की खुराक सबसे पहले अनुमानित एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों और इसके बाद दो करोड़ अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले कर्मियों को दी जाएगी। इसके बाद 50 साल से अधिक उम्र वालों और अन्य बीमारियों से ग्रस्त 27 करोड़ लोगों का टीकाकरण करने की योजना है. कोविड-19 महामारी के खिलाफ फ्रंटलाइन कर्मियों के टीकाकरण पर आने वाले खर्च को केंद्र सरकार वहन करेगी।