नई दिल्ली । देश में कोरोना महामारी पर लगाम लगाने के लिए टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन समेत हर किसी को उम्मीद है कि वैक्सीन से महामारी को रोकन में मदद मिलेगी। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि वैक्सीन के आने मात्र से महामारी का अंत नहीं होगा। ऐसे में अभी भी कोरोना को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है। फिलहाल हमें शारीरिक दूरी का पालन करने और मास्क पहनने जरूरत है।
प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण
सरकार ने फिलहाल 30 करोड़ लोगों के टीकाकरण की योजना बनाई है। पहले चरण में तीन करोड़ लोगों को टीका मुहैया कराने की योजना है। इनमें स्वास्थ्य कर्मचारी और फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल हैं। इसके बाद 27 करोड़ लोगों का टीकाकरण होगा। इनमें 50 साल से ऊपर और जिनको कोरोना से सबसे ज्यादा खतरा है वे लोग शामिल होंगे। इन लोगों को टीकाकरण के लिए पहले चुनने का कारण यह है कि इनमें वायरस से संक्रमित होने और मरने का डर ज्यादा है। तीस करोड़ लोग यानी तकरीबन 20 फीसद आबादी कोरोना से सुरक्षित हो जाएगी।
कोरोना जब से आया है हर्ड इम्युनिटी की काफी चर्चा हुई है। हर्ड इम्युनिटी का मतलब ज्यादा से ज्यादा लोगों में कोरोना की एंटीबॉडी की मौजूदगी से है। हर्ड इम्युनिटी दो तरह से विकसित हो सकता है। पहला है प्राकृतिक तरिका। यानी संक्रमण को फैलने दें और ज्यादे से ज्यादे लोगों को इसके चपेट में आने दें। इसमें काफी लंबा समय लगता है। ऐसे में बहुत लोगों की मौत हो जाएगी। इसके अलावा दूसरा तरीका है वैक्सीन। वैक्सीन एक और तरीका है। इससे कम समय में हर्ड इम्युनिटी विकसित की जा सकती है और जोखिम भी कम होता है। विशेषज्ञों के अनुसार इससे बेहतर तरीका और कोई और नहीं है।
सबको कब-तक वैक्सीन लग जाएगी और तब तक क्या करना होगा?
फिलहाल कोरोना की वैक्सीन बननी शुरू हुई है। कई देशों ने फिलहाल इनके इमरजेंसी इस्तेमाल की ही मंजूरी दी है औक कई में इसकी शुरुआत भी नहीं हुई है। भारत जैसे बड़े आबादी वाले देश में सभी लोगों तक वैक्सीन पहुंचने में काफी समय लगेगा। फिलहाल देश के पास दो वैक्सीन उपलब्ध हैं। जब तक हर्ड इम्युनिटी विकसित नहीं होती, तब तक हमें शारीरिक दूरी और मास्क लगाने जैसे नियमों का पालन करना होगा।