घर का एक आदमी बीमार पड़ता है, तो पूरा परिवार परेशान हो जाता है। जरा सोचिए उस परिवार के ऊपर क्या बीतती होगी जिसके घर के 3 आदमी का बेगूसराय में इलाज चल रहा हो, एक का दरभंगा में और 6 लोग PMCH में भर्ती हों। समस्तीपुर, फुल्हाड़ा अग्निकांड का मारा ऐसा ही एक परिवार अब इलाज के खर्चे से टूट चुका है। शरीर का 25 प्रतिशत हिस्सा आग से झुलस चुका है। अब ये एक-दूसरे के चेहरे को देख डरते हैं। PMCH के बर्न वार्ड के कमरा नंबर 301 में लगभग सभी बेडों पर इसी अग्निकांड के मरीज भर्ती हैं। इस कमरे से बच्चे के रोने की आवाज गूंजती रहती है। बच्चे जलन की वजह से सो नहीं पा रहे। समस्तीपुर और बेगूसराय के लोगों ने कुछ आर्थिक मदद की थी, लेकिन सारे पैसे खर्च हो गए। ऐसे में इन्हें आपकी मदद की दरकार है।
आग में झुलसी रितु देवी बताती हैं कि बेगूसराय में दवा का खर्च बहुत आ गया। पैसे खत्म हो गए। समाज की मदद से इलाज हो रहा है। मेरी बेटी कोमल कुमारी नानी घर आई थी। वह भी बुरी तरह झुलस गई। मैंने उसे इलाज के लिए दरभंगा भेज दिया है, लेकिन यहां PMCH में परिवार के कई सदस्य जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। रितु ने लोगों से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है।
घटना ऐसी कि रोंगटे खड़े हो जाएं
घटना समस्तीपुर जिले के हसनपुर प्रखंड के फुल्हाड़ा गांव की है। 11 जनवरी को एक ही परिवार के 10 लोग 25 फीसदी से ज्यादा जल गए। घर की मुखिया उर्मिला देवी बताती हैं कि उन्हें पता ही नहीं चला कि गैस लीक कर रही है। लाइटर लगाते हुए आग धधक उठी। कूकिंग गैस ऐसे लीक हुई कि उसकी आग ने बरामदे के अंदर कमरे में बैठे लोगों तक को मिनट भर में अपनी चपेट में ले लिया। लोग कुछ समझ पाते कि चारों तरफ चीख-पुकार उठने लगीं। महिलाएं किसी तरह बच्चों को लेकर बाहर भागीं, फिर भी बच्चों और खुद को आग की लपटों से बचा नहीं सकीं।