नयी दिल्ली। देश में कोरोना टीकाकरण अभियान लगातार जारी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार सोमवार को कुल 148266 लोगों को टीका लगाने के बाद लाभार्थियों की कुल संख्या 3,81,305 हो गई है। वहीं टीकाकरण से अबतक 580 लोगों में दुष्प्रभाव सामने आए हैं जिनमें से 7 लोगों को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा।
दिल्ली में तीन लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया जिनमें से दो को छुट्टी मिल चुकी है और एक को मैक्स अस्पताल, पटपडगंज में निगरानी में रखा गया है। अधिकारी ने बताया कि उत्तराखंड में एम्स ऋषिकेश में एक व्यक्ति को भर्ती कराया गया और उसकी हालत स्थिर है। छत्तीसगढ़ में एक व्यक्ति को निगरानी में रखा गया है जबकि कर्नाटक में दो लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार टीका लगवाने के बाद दो लोगों की मौत हुई है लेकिन मौत की वजह वैक्सीन नहीं है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार मुरादाबाद के एक शख्स की मौत हृदय रोग के कारण हुई है। जबकि कर्नाटक के युवक की मौत के बाद पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार आंध्र प्रदेश में आज 9,758,अरुणाचल प्रदेश में 1,054, असम में 1,872, बिहार में 8,656, छत्तीसगढ़ में 4,459, दिल्ली में 3,111, हरियाणा में 3446,हिमाचल प्रदेश में 2,914, जम्मू-कश्मीर में 1,139, झारखंड में 2,687, कनार्टक में 36,888 लोगों को टीका लगाया गया।
रविवार को 17,072 लाभार्थियों का टीकाकरण
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार रविवार को केवल छह राज्यों ने कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान चलाया और कुल 17,072 लाभार्थियों को टीका लगाया गया।
शनिवार को 2,07,229 लोगों का टीकाकरण
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार शनिवार को 2,07,229 लोगों को वैक्सीन लगाने के बाद भारत एक दिन में सबसे अधिक टीकाकरण करने के मामले में पूरे विश्व में सबसे आगे हो गया है। इस अभियान अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देश भी भारत से पीछे हो गए।
टीकाकरण अभियान शुरू होने के पहले दिन यानि शनिवार को स्वास्थ्यकर्मियों के साथ-साथ एम्स दिल्ली के निदेशक रणदीप गुलेरिया, नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल, बीजेपी सांसद महेश शर्मा और पश्चिम बंगाल के मंत्री निर्मल माजी ने भी कोरोना वैक्सीन की खुराक ली।
बता दें कि भारत में टीकाकरण के लिए सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के जरिए निर्मित ‘कोविशील्ड’ के साथ ही भारत बायोटेक की ओर से विकसित स्वदेशी ‘कोवैक्सीन’ टीके के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। हालांकि भारत बायोटेक की वैक्सीन को लेकर विवाद भी हुआ था।