महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो नवजात शिशुओं को बेचता था। क्राइम ब्रांच ने सात महिलाओं और दो पुरुषों यानि कि कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। इन सभी लोगों को 21 जनवरी तक हिरासत में भेज दिया है। ये गिरोह 60,000 रुपये में नवजात बच्ची और डेढ़ लाख रुपये में बच्चे को बेचता था।
पुलिस को प्रारंभिक जांच में पता चला है कि छह महीनों में चार बच्चों को बेचा गया है, हालांकि पुलिस को इस बात का संदेह है कि बेचे गए बच्चों की संख्या इससे ज्यादा हो सकती है। क्राइम ब्रांच शाखा एक ने शनिवार को आरती हीरामणि सिंह, रुक्सर शेख, रुपाली वर्मा, निशा अहिर, गीतांजलि गायकवाड़ और संजय पदम को गिरफ्तार किया है।
आरती पैथालॉजी लैब टेक्निशियन है और गिरोह का संचालन करती है। गिरफ्तार आरोपियों के तहत आईपीसी और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने आठ मोबाइल फोन को जब्त कर लिए हैं। इन फोन में बच्चों की फोटो और व्हाट्सएप चैट मिले हैं।
पुलिस एसआई योगेश चव्हाण और क्राइम ब्रांच शाखा एक की मनीषा पवार को गिरोह की महिला की सूचना मिली। सूचना में पता चला कि एक महिला बच्चों को बेचने में लिप्ट है और बांद्रा ईस्ट में रहती है। जब इस बारे में जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि रुक्सर शेख नाम की महिला है और उसने हाल ही में एक बच्ची को बेचा है।
जब रुक्सर शेख से पूछताछ की गई तो दूसरी महिला के बारे में पता चला। महिला ने बताया कि शाहजहां जोगिलकर ने रुपाली वर्मा के जरिए अपने बच्चे को पुणे स्थित एक परिवार को बेचा है। 14 जनवरी को पुलिस टीम ने रुक्सर, शाहजहां और रुपाली को हिरासत में लिया।
रुक्सर शेख ने पुलिस को बताया कि 2019 में उसने अपनी बच्ची को साठ हजार रुपये में बेचा था और डेढ़ लाख में बेटे को बेचा था। शाहजहां ने बताया था कि 2019 उसने अपने बेटे को 60,000 रुपये में धारावी स्थित एक परिवार को बेचा था।