बीएसपी की संयुक्त, यूनियन ने किया प्रदर्श
भिलाई। केंद्र सरकार भारतीय इस्पात प्राधिकरण -सेल की दस फीसद की हिस्सेदारी बेचने जा रही है। इसके खिलाफ अब विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है। भिलाई इस्पात संयंत्र से आवाज उठाई गई है। मान्यता प्राप्त यूनियन इंटक, पूर्व मान्यता प्राप्त यूनियन सीटू ने संयुक्त रूप से सरकार के फैसले के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया। भिलाई इस्पात संयंत्र के बोरिया गेट पर सोमवार को ट्रेड यूनियनों ने संयुक्त रूप से विरोध प्रदर्शन किया। सरकार ने 26 सौ करोड़ रुपये जुटाने के लिए 10 फीसद शेयर बेचने का निर्णय लिया है।
कर्मचारी यूनियन सीटू के महासचिव एसपी डे का कहना है कि पूरे सेल की कीमत मात्र 26000 करोड़ आंकी जा रही है। इतने में सिर्फ भिलाई इस्पात संयंत्र के किसी भी एक उत्पादन इकाई जैसे ब्लास्ट फर्नेस, कोक ओवन, स्टील मेल्टिंग शाप, रेल मिल का निर्माण नहीं हो सकता। यदि पूरे सेल की परिसंपत्ति का आकलन किया जाए तो यह कम से कम 10 लाख करोड़ रुपए होगा। सरकार द्वारा सार्वजनिक उपक्रमों का शेयर बेचा जाना न केवल राष्ट्रहित के विरोध में है, बल्कि यह सरकार द्वारा कारपोरेट घरानों को खुली छूट दी जा रही है। जनता के टैक्स के पैसे से और मजदूरों, कर्मचारियों, इंजीनियरों, अधिकारियों के खून पसीने से निर्मित राष्ट्रीय संपत्ति को कौड़ियों के मोल लूटने की छूट देने का एक तरीका है।
इंटक के अतिरिक्त महासचिव संजय साहू ने बताया कि संयुक्त ट्रेड यूनियन की ओर से प्रदर्शन किया गया। बीएसपी कर्मचारियों का 2017 से लंबित वेतन समझौता और सेल के विनिवेशीकरण के खिलाफ गुस्सा और बढ़ चुका है। केंद्र सरकार द्वारा लगातार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण किया जा रहा है। पूंजीवाद को बढ़ावा देते हुए यह काम किया जा रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को बचाने के लिए इंटक यूनियन सबको साथ लेकर हर संभव प्रयास करेगी। प्रदर्शन में पीयूषकर, एसके बघेल, एनएस बंछोर, पूरन वर्मा, सुनील खिचरिया, रमेश तिवारी, एके रंगारी, राकेश दुबे, सच्चिदानंद पांडेय, शेखर शर्मा, वीके मजूमदार, तुरिंदर सिंह, बिपिन बिहारी मिश्रा आदि उपस्थित थे। सीटू से अध्यक्ष सविता मालवीय, महासचिव एसपी डे, संगठन सचिव डीवीएस रेड्डी, विजय जांगड़े, शांत कुमार, अशोक खातरकर, जोगा राव, एसएसके पनिकर आदि मौजूद थे।