बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में भी मुजफ्फरपुर जैसा कांड हुआ है। बिलासपुर स्थित एक आश्रय गृह के 3 महिलाओं ने इसके कर्मचारियों पर शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। महिलाओं को वहां से निकाल कर नारी निकेतन में शिफ्ट किया गया है। वहीं, महिलाओं के आरोपों को आश्रय संचालक ने खारिज कर दिया है। पीड़िताओं की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
आरोप लगाने वाली महिलाओं में एक 20 साल की भी है। एनजीओ शिव मंगल शिक्षण समिति यहां उज्जवला होम का संचालन करती है। महिलाओं का आरोप है कि यहां के कर्मचारी यौन शोषण करते हैं। साथ ही महिलाओं ने कर्मचारियों पर सेक्स रैकेट चलाने का भी आरोप लगाया है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के छतरी योजना के तहत उज्जवला होम को संचालित किया जाता है। शिव मंगल शिक्षण समिति को 2019-20 में 14.59 लाख रुपये का अनुदान मिला था।
इसके साथ ही महिला और उनके परिजनों ने जब पुलिस में इसकी शिकायत की लेकिन पुलिस अधिकारियों ने उल्टे इन्हें धमकी दी और दुर्व्यवहार किया है। अज्ञात लोगों के खिलाफ जमानती धाराओं के तहत केस दर्ज होने के 3 दिन बाद भी पुलिस ने पीड़िताओं का मेडिकल नहीं कराया है।
आईजी से शिकायत
बुधवार को पीड़ित महिलाओं ने बिलासपुर रेंज के आईजी रतन लाल डांगी को एक आवेदन दिया है। इस आवेदन में महिलाओं ने उदाहरण समेत तमाम घटनाओं का जिक्र किया है। पुलिस ने कहा कि हम गुरुवार को मजिस्ट्रेट के सामने महिलाओं का बयान दर्ज करवाएंगे। महिलाओं का कोई मेडिकल नहीं करवाएंगे क्योंकि वो ऐसा नहीं चाहती हैं। उन्होंने यौन अपराधों के बारे में सुना है लेकिन खुद को पीड़ित होने से इनकार किया है। मीडिया से बात करते हुए बिलासपुर एसपी प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि हम जांच कर रहे हैं। यदि महिलाएं कहती हैं कि उन्हें हिंसा का शिकार होना पड़ा है तो हम इसकी जांच करवाएंगे।