नई दिल्ली. कोरोना की जंग जीतने के लिए देश में टीकाकरण अभियान की शुरुआत 16 जनवरी से हो चुकी है. कोरोना वैक्सीन के पहले चरण में 3 करोड़ कोरोना वॉरियर्स को वैक्सीन दी जा रही है. केंद्र सरकार ने वैक्सीन अभियान पर पूरी नजर बनाए रखने के राज्यों से कहा है कि वे लोगों के आधार नंबर को मोबाइल नंबर से लिंक करें ताकि टीकाकरण के लिए एसएमएस भेजने में सुविधा हो. वैक्सीनेशन के लिए आधार का प्रूफ होना बेहद जरूरी है. इससे ये पता चल पाएगा कि आपको पहला और दूसरा डोज कब लगा है.
आप इन दोनों वैक्सीन को लगवाना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले अपने फोन नंबर को आधार कार्ड से लिंक करना होगा. कोविड 19 के डेटा मैनेजमेंट और एंपॉवर्ड ग्रुप ऑफ टेक्नोलॉजी के चेयरमैन आरएस शर्मा ने कहा है कि, वैक्सीन किसे, कब और कौन सी लगी है, इसके डिजिटल रिकॉर्ड के लिए आधार जरूरी है.
शर्मा ने कहा है कि हम पहले भी ऐसा कर चुके हैं. वहीं आधार कार्ड बनवाने के दौरान भी ऐसा किया जा चुका है. आपका डेटा बिल्कुल सुरक्षित रहेगा. हम दूसरे तरीके से भी रजिस्टर कर सकते हैं लेकिन यहां आधार का ऑप्शन सबसे सटीक और बड़ा है.
Co- Win ऐप से होगी निगरानी
संपूर्ण टीकाकरण प्रक्रिया की निगरानी के लिए, टीकाकरण के लिए पंजीकरण कर चुके या पहले शॉट लेने वाले लोगों पर नज़र रखने के लिए, टीकों के भंडारण की जांच रखने के लिए सरकार ने को-विन ऐप बनाया गया है. ये ऐप एक डिजिटिल प्लेटफॉर्म है जिसे मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकता है.
Co- Win में हैं 5 मॉड्यूल
कोविन ऐप (Co-WIN App) से टीकाकरण की प्रक्रिया, प्रशासनिक क्रियाकलापों, टीकाकरण कर्मियों और उन लोगों के लिए एक मंच की तरह काम करेगा, जिन्हें वैक्सीन लगाई जानी है. कोविन ऐप में 5 मॉड्यूल हैं. पहला प्रशासनिक मॉड्यूल, दूसरा रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल, तीसरा वैक्सीनेशन मॉड्यूल, चौथा लाभान्वित स्वीकृति मॉड्यूल और पांचवां रिपोर्ट मॉड्यूल.
शुरू हुआ अस्थायी प्रमाण पत्र देने का नियम
कोरोना वैक्सीन टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए पहली डोज के बाद अस्थायी प्रमाण पत्र देने का नियम शुरू किया गया है. इसके तहत अब तक 8 लाख स्वास्थ्य कर्मचारियों को ये प्रमाण पत्र दिया जा चुका है. को-विन वेबसाइट से भेजा गया प्रमाण पत्र पूरी तरह से क्यूआर कोड से लैस है.
इस प्रमाण पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो के साथ कोरोना को हराने का मूल मंत्र ‘दवाई भी और कड़ाई’ भी लिखा है. क्यूआर कोड वाले इस प्रमाण पत्र को 28 दिन के लिए अनिवार्य किया गया है. कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के बाद दूसरा प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा, जिसमें लाभार्थी का फोटो लगा होगा. बता दें कि 16 जनवरी से शुरू हुए इस टीकाकरण अभियान में काफी लोगों ने हिस्सा लिया है.