भोपाल। मध्यप्रदेश में नई शराब की दुकानें खोले जाने का आदेश निरस्त हो गया है। हाई लेवल मीटिंग के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है, आबकारी आयुक्त ने हर कलेक्टर से नई शराब दुकान खोले जाने को लेकर प्रस्ताव मांगे थे। विपक्ष ने भी इसका विरोध किया था।
इसके पहले मध्य प्रदेश में शराब की नई दुकानें खोलने को लेकर सरकार की कागजों में हां थी। जबकि मौखिक रूप से सरकार इससे न यानी इनकार कर रही थी। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की राय के बाद सीएम शिवराज सिंह ने इस दिशा में फिलहाल ऐसी कोई प्लानिंग नहीं होने की बात कही थी। लेकिन अगले ही दिन आबकारी आयुक्त राजीव चंद्र दुबे ने कलेक्टर्स को पत्र भेजकर नई शराब दुकानें खोलने के प्रस्ताव मांग लिए। प्रस्ताव में दो टूक शब्दों में कहा गया कि पांच हजार से ज्यादा आबादी वाले उन गांवों में शराब की दुकान खोलने का प्रस्ताव अनिवार्य रूप से दिया जाए, जहां वर्तमान में कोई दुकान नहीं है। अब आबकारी इस आदेश को लेकर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि मैंने अपनी राय दी थी। अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री को करना है।
प्रस्ताव के 3 मुख्य बिंदु इस प्रकार थे –
1. पांच हजार से ज्यादा आबादी वाले उन गांवों में शराब की दुकान खोलने का प्रस्ताव अनिवार्य रूप से दिया जाए… जहां वर्तमान में कोई दुकान नहीं है। इसके लिए 2011 की जनगणना को आधार बनाया जाए.।
2. इसके अलावा भी दूसरे क्षेत्रों में राजस्व की बढ़ोतरी और अपराध नियंत्रण की दृष्टि से दुकानें खोलने का प्रस्ताव दिया जा सकता है।
3. शहरी क्षेत्रों में भी राजस्व बढ़ाने और अपराध के नियंत्रण की दृष्टि से नई दुकानों का प्रस्ताव दिया जा सकता है… इसके लिए विकसित किए गए उन इलाकों को प्राथमिकता दी जाए, जहां वर्तमान में दुकान नहीं है।