रायपुर । पिछले दो माह से प्रदेश में दो हजार से कम तथा 10 जनवरी से एक हजार से कम मरीज मिल रहे हैं। राजधानी में भी 200 से कम व पिछले 5 दिनों से 100 से कम नए मरीज मिल रहे हैं।
केस कम होने के कारण सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों ने कोविड की जांच रिपोर्ट दिखाने का सिस्टम हटा दिया है। इतना ही नहीं अंबेडकर समेत निजी अस्पतालों में नॉन कोविड मरीजों के लिए बेड भी बढ़ाया जा रहा है।
सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी में इलाज करवाने के लिए अब कोरोना जांच रिपोर्ट जरूरी नहीं है। मेडिसिन, ईएनटी, डेंटल और नेत्र विभाग सहित कोई सी भी बीमारी या तकलीफ होने पर सीधे इलाज करवाने जा सकते हैं।
कोरोना मरीजों की संख्या कम होने के बाद सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों ने कोरोना की रिपोर्ट दिखाने की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। केवल किसी तरह का ऑपरेशन होने पर सर्जरी के पहले कोरोना रिपोर्ट दिखाना जरूरी है। कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट आने पर ही ऑपरेशन किए जाएंगे।
राजधानी में 18 मार्च को कोरोना का पहला मरीज मिलने के बाद सरकारी व निजी अस्पतालों में इलाज के पहले कोरोना की रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य कर दिया था। सामान्य क्लीनिक से लेकर बड़े सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों तक में कोरोना की जांच रिपोर्ट के बिना मरीज को एंट्री नहीं दी जा रही थी।
कई प्राइवेट अस्पताल व क्लीनिक तो बंद कर दिए गए थे, जिन्होंने क्लीनिक खोलकर रखा था, वे भी बड़ी ऐहतियात बरत रहे थे और मरीजों से कोरोना निगेटिव की रिपोर्ट मांग रहे थे। ऐसे में मरीजों की परेशानी बढ़ गई थी।
कोरोना काल में रूटीन सर्जरी पूरी तरह बंद थी। सरकारी व निजी अस्पतालों में केवल इमरजेंसी में सर्जरी की जा रही थी। अब अंबेडकर समेत निजी अस्पतालों में रूटीन सर्जरी शुरू कर दी गई है।
सबसे पहले वेटिंग वाले मरीजों का ऑपरेशन किया जा रहा है। इससे मरीजों को राहत मिली है। कई मरीज रूटीन में सर्जरी के लिए फोन करते थे, लेकिन उन्हें मना कर दिया जाता था। मोतियाबिंद ऑपरेशन भी बंद था, जो शुरू कर दिया गया है।