बिलासपुर । शासकीय आर्युवेद औषधालय, उलनार, जिला-बस्तर में फार्मासिस्ट के पद पर गायत्रीशुक्ला पदस्थ रहीं। 28 फरवरी 2018 को 62 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर उन्हें सेवानिवृत्त कर दिया गया। सेवानिवृत्ति गायत्री शुक्ला द्वारा संयुक्त संचालक, कोषलेखा एवं पेंशन, जगदलपुर एवं जिला आयुर्वेद अधिकारी, जगदलपुर के समक्ष कई बार अभ्यावेदन प्रस्तुत करने एवं लगभग दो वर्ष की समयावधि बीत जाने के पश्चात् भी गायत्री शुक्ला को सेवानिवृत्ति देयक प्रदान नहीं किया गया। जिसको लेकर गायत्री शुक्ला द्वारा हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं लक्ष्मीन कश्यप के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर की गई।
अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं लक्ष्मीन कश्यप द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि चूंकि याचिकाकर्ता 28 फरवरी 2018 को सेवा से रिटायर हो गई हैं एवं उन्हें नो ड्यूज़ सर्टिफिकेट प्रदान किया जा चुका है। याचिकाकर्ता के विरूद्ध किसी भी प्रकार की विभागीय जांच,आपराधिक मामला एवं वसूली आदेश लंबित नहीं है।
अतः याचिकाकर्ता सम्पूर्ण सेवानिवृत्ति देयक प्राप्त करने की हकदार हैं। उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा रिट याचिका को स्वीकार कर उत्तरवादीगणों को यह निर्देशित किया गया कि वे याचिकाकर्ता को तत्काल फैमिली पेंशन, ग्रेज्युटी, जीपीएफ, जीआईएस,अवकाश नगदीकरण एवं सातवां वेतनमान की एरियर्स की राशि 10% (दस प्रतिशत) ब्याज सहित प्रदान करें। इसके साथ ही याचिकाकर्ता को समस्त सेवानिवृत्ति देयक प्रदान करने में जो 02 (दो) वर्ष का विलंब हुआ है, इसके लिये विभाग में जो भी अधिकारी जिम्मेदार है उसके वेतन से उक्त ब्याज की राशि की वसूली की जाए।