राजनांदगांव। जिले के घुमका ब्लाक के चंवरढाल में एक स्कूली छात्रा को शिक्षक ने अपनी हवस का शिकार बनाया है। इस हैवान शिक्षक ने शिक्षा के मंदिर को कलंलित कर दिया है। पढ़ाई के लिए नोट्स देने के बहाने छात्रा को बुलाकर हैवान शिक्षक ने छात्रा की अस्मत लूट ली। घटना के बाद जब पीड़िता चीखते हुए स्कूल के क्लास रूम से बाहर निकली तो आसपास के ग्रामीणों की नजर उस पर पड़ी। इसके बाद ग्रामीणों ने आरोपी शिक्षक को घेरकर पकड़ लिया। उसके खिलाफ धारा 376 और पाक्सो एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
जानकारी के मुताबिक चंवरढाल स्कूल में पदस्थ शिक्षक दुर्गेश यादव ने हायर सेकंडरी की छात्रा को नोट्स देने के बहाने फोन किया। उसे शुक्रवार को अकेले स्कूल आने की बात कही। शिक्षक की बातों में विश्वास करते हुए छात्रा स्कूल पहुंच गई। तब पूरे स्कूल में शिक्षक के अलावा कोई भी मौजूद नहीं था। आरोपी शिक्षक दुर्गेश, छात्रा को स्कूल के क्लास रूम में ले गया। जहां उसे धमकाकर दुष्कर्म किया। छात्रा के मुताबिक आरोपी दुर्गेश ने उसे क्लास रूम में ही डराया धमकाया।
ग्रामीणों ने छात्रा की हालत देखने के बाद आरोपी शिक्षक को घेरकर स्कूल में ही रखा। करीब तीन घंटे तक शिक्षक दुर्गेश को क्लासरूम में ही बंद रखा गया। पीड़िता के परिजनों से संपर्क करने का प्रयास किया गया। पीड़िता नजदीक के गांव की रहने वाली है, जिनके माता-पिता धान बेचने दूसरे गांव गए हुए थे। शाम में शिक्षक के माफी मांगने और पीड़िता के घर जाने की जिद को देखते हुए ग्रामीणों ने शिक्षक दुर्गेश को छोड़ दिया। ग्रामीणों ने कहा है कि दोषी संबंधित शिक्षक पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
पीड़ित छात्रा जैसे-तैसे अपने गांव पहुंची। रात में जब धान बेचकर उसके माता-पिता घर लौटे तब छात्रा ने पूरे घटना की जानकारी दी। इसके बाद शनिवार को पीड़िता के परिजन आसपास के ग्रामीणों के साथ घुमका थाने पहुंचे। जहां पुलिस ने छात्रा का बयान लिया। छात्रा ने अपने साथ हुए दुष्कर्म की पूरी जानकारी दी। पुलिस ने आरोपी शिक्षक दुर्गेश यादव के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कर लिया है। देर शाम तक शिक्षक को हिरासत में भी ले लिया गया।
10 शिक्षकों का नाम शामिल
शिक्षक को जिस सम्मान से देखा जाता रहा है, उस सम्मान पर बीते दो साल में 10 शिक्षकों ने कालिख पोती है। बीते दो साल में जिले के अलग-अलग स्कूलों में पदस्थ 10 शिक्षकों पर दुष्कर्म और छेड़खानी का आरोप लगा है। परिजनों के शिकायतों के बाद इन शिक्षकों पर कानूनी कार्रवाई भी हुई है। हालात को सुधारने शिक्षा विभाग ने कई प्रयोग करने का दावा किया, टीम भी बनाई। लेकिन स्थिति अब तक जस की तस ही बनी हुई है।