नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहाँ अंधविश्वास के चक्कर में पड़ कर मां-बाप अपनी ही दो युवा बेटियों की जान ले ली. ये घटना चित्तूर जिले के मदनापल्ले कस्बे में रविवार रात को हुई. हैरानी की बात ये है कि आरोपी माता-पिता दोनों अच्छे पढ़े लिखे हैं. लड़कियों की पहचान अलेख्या (27 साल) और साई दिव्या (22) के तौर पर हुई है. ये परिवार मदनापल्ले में शिवालयम टेम्पल स्ट्रीट पर रहता था. आरोप है कि मां ने दोनों बेटियों पर डम्बबेल से प्रहार किए।
बता दे माँ पद्मजा और पिता पुरुषोत्तम नायडू दोनों प्रिसिंपल हैं. बड़ी लड़की अखेल्या ने भोपाल से मास्टर्स डिग्री हासिल की थी. वहीं छोटी लड़की साई दिव्या ने बीबीए किया हुआ था. साई दिव्या मुंबई में एआर रहमान म्यूजिक स्कूल की छात्रा थी और लॉकडाउन के दौरान घर लौटी थी।
पुलिस का कहना है कि ये परिवार कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान अजीब तरीके से बर्ताव कर रहा था. पड़ोसियों ने इस घर से रविवार रात को चिल्लाने की आवाजें सुनीं तो पुलिस को इसकी जानकारी दी।
वही जब पुलिस ने घर के अंदर जाना चाहा तो आरोपी दंपति ने रोकने की कोशिश की. लेकिन पुलिसवाले अंदर गए तो वहां की हालत देखकर हैरान रह गए. एक लड़की की लाश पूजा रूम से मिली. दूसरी लड़की की लाश एक और कमरे से मिली. दोनों लाशें लाल कपड़े से ढकी थीं. फिलहाल दोनों आरोपी पति-पत्नी इस अपराध को करने के बाद भी जरा भी तनाव में नहीं दिख रहे थे. पुलिस ने उनसे जब पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि उनकी दोनों लड़कियां सूरज उगने के साथ ही जीवित हो जाएंगी क्योंकि ‘कलयुग’ खत्म हो जाएगा और सोमवार से ‘सतयुग’ शुरू हो जाएगा. पुलिस ने पति-पत्नी को हिरासत में ले लिया और दोनों लाशों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।