प्रधानमंत्री मोदी के हर वार पर झुंझलाई कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने इस बार बजट सत्र में नया बखेड़ा खड़ा करने का फैसला लिया है। जिसके मुताबिक बजट सत्र के पहले दिन होने वाले राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला लिया गया है। संसद की मर्यादा के मुताबिक बजट सत्र में राष्ट्रपति का अभिभाषण बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है, जिसमें देश के सभी संसद सदस्यों की मौजूदगी अनिवार्य होती है।
इस बार बजट सत्र शुरू होने से पहले ही विपक्षी दल कांग्रेस ने अपने सहयोगी दलों के साथ मोदी सरकार को घेरने की नई रणनीति के तहत 29 फरवरी को बजट सत्र के पहले दिन संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजद ने गुरुवार को सभी राजनीतिक दलों की ओर से यह जानकारी दी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजद ने कहा, कांग्रेस समेत 16 राजनीतिक दलों की ओर से हम सूचित कर रहे हैं कि 29 जनवरी को संसद में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के बहिष्कार करने का फैसला किया गया है। गुलाम नबी ने कहा कि यह फैसला कृषि कानूनों के विरोध में लिया गया है।
16 राजनीतिक दलों के तरफ से हम आज बयान जारी कर रहे हैं कि कल संसद में माननीय राष्ट्रपति का जो अभिभाषण है हम उसका बहिष्कार करते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है कि सरकार ने किसानों की मर्ज़ी के बिना ये 3 बिल जबरदस्ती पास किए थे: गुलाम नबी आज़ाद, कांग्रेस pic.twitter.com/iddQj3YAD2
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 28, 2021
हम लोग तीन कृषि कानूनों का विरोध करते रहे हैं और करते रहेंगे। इसलिए आम आदमी पार्टी महामहिम राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेगी और हमारे लोकसभा के सांसद भगवंत मान और राज्य सभा के हम तीन सांसद कल राष्ट्रपति के अभिभाषण कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे: संजय सिंह, AAP pic.twitter.com/z5bu9Nprav
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 28, 2021