रायपुर। राजधानी में इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) फर्जीवाड़े मामले में सेंट्रल जीएसटी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अब तक चार कारोबारियों को धर दबोचा है। दो आरोपियों को बिहार के सिवान से दबोचा गया है, जबकि दो को पहले ही राजधानी में गिरफ्तार कर लिया गया था। सिवान से दबोचे गए आरोपियों के नाम मुन्ना तिवारी और कौशल तिवारी बताया गया है, जिन्हें ट्रांजिट रिमांड पर रायपुर लाया जा रहा है।
अधिकारियों के मुताबिक मुन्ना तिवारी और कौशल तिवारी के नाम पर कई फर्म रजिस्टर्ड हैं। बताया जा रहा है कि इन दोनों ने फर्जी इनवायस के जरिए 258 करोड़ का इनपुट टैक्स क्रेडिट दिखाकर सरकारी राजस्व को 73 करोड़ रुपए का चूना लगाया है। जबकि जानकारी यह सामने आई है कि इन कारोबारियों ने जिस इनवायस को शो किया गया है और सरकार से जिस 73 करोड़ की रिकवरी उठाई है, वास्तव में सरकार तक वह रकम पहुंची ही नहीं है।
ऐसे समझे यह ITC फर्जीवाड़ा
इनपुट टैक्स क्रेडिट का मतलब है माल की बिक्री पर टैक्स का भुगतान करने के बाद सरकार उस टैक्स की रकम को वापस कर देती है जो कारोबारी ने पहले ही कच्चे माल की खरीद पर चुकाया है। इस फर्जीवाड़े में कारोबारियों ने फर्जी फर्मों से फर्जी बिल जारी कर दूसरी फर्मों के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट दावा किया। सरकार ने उनको वह पैसा रिफंड कर दिया जो उसको कभी मिले ही नहीं थे।