बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट राज्य में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण को लेकर सख्त हो गया है। कोर्ट ने आदेश जारी कर प्रदेश के रिहायशी इलाकों में चल रही फेब्रिकेशन फैक्ट्री पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि इतना ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों को रिहायशी इलाकों में खोलने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। वहीं राज्य सरकार को आदेश दिया है कि कोर्ट के आदेश की कॉपी सभी नगर निगमों को भेजी जाए।
रायपुर के नवीन ब्रदर्स ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें बताया गया कि उनकी फैक्ट्री के खिलाफ रायपुर नगर निगम कार्रवाई कर रहा है। उनको नोटिस जारी किया गया है। इस याचिका में एक हस्तक्षेप याचिका शिकायतकर्ता संदीप शुक्ला की ओर से दायर की गई। इसमें बताया गया कि नवीन ब्रदर्स की फेब्रिकेशन फैक्ट्री के खिलाफ उन्होंने ही कॉलोनी के लोगों के साथ मिलकर नगर निगम रायपुर में शिकायत की है।
सरकारी सर्कुलर के खिलाफ चल रही थी फैक्ट्री
याचिका में कहा गया कि उनकी शिकायत पर ही निगम ने नोटिस जारी कर फैक्ट्री बंद करने कहा है। यह फैक्ट्री रिहायशी क्षेत्र में चल रही है। यह भी बताया गया कि छत्तीसगढ़ पर्यावरण प्रदूषण बोर्ड की ओर से निरीक्षण किए जाने पर पाया गया कि है कि वहां ध्वनि प्रदूषण हो रही है। रिहायशी क्षेत्र में इतनी ध्वनि प्रदूषण की अनुमति नहीं है। कोर्ट के सामने यह भी तथ्य आया कि मार्च 2019 को राज्य ने एक सर्कुलर जारी कर रिहायशी क्षेत्र में फेब्रिकेशन फैक्ट्री के लिए अनुमति देने पर रोक लगाई है।
निगमों को आदेश- इतने ध्वनि प्रदूषण वाली फैक्ट्रियां रिहायशी इलाकों में खोलने की अनुमति न दें
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता रिहायशी क्षेत्र में फेब्रीकेशन फैक्ट्री नहीं चला सकते हैं। रायपुर नगर निगम को निर्देश दिया कि रिहायशी क्षेत्र में अगर फेब्रिकेशन फैक्ट्री चल रही हैं, तो राज्य शासन के सर्कुलर का पालन करें। साथ ही निगम को आदेश दिया है कि इतना ध्वनि प्रदूषण करने वाली फैक्ट्रियों को रिहायशी क्षेत्र में खोलने की अनुमति न दें। मामले की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी की बेंच में हुई।