बिलासपुर। माघ माह की कृष्ण पक्ष चतुर्थी यानी 31 जनवरी को तिल संक्रांति आस्था के साथ मनाई जाएगी। इस मौके पर माताएं अपनी संतान की दीर्घायु के लिए व्रत रखेंगी। फिर शाम को चंद्रमा के दर्शन कर उन्हें अर्घ्य देकर अपने व्रत का परायण करेंगी।
महिलाएं व्रत की तैयारियां एक दिन पहले से शुरू कर चुकी हैं। शहर के शनिचरी, गोलबाजार और चांटीडीह समेत अन्य प्रमुख बाजारों में पूजन व व्रत की सामग्रियों की बिक्री होती रही। यहां पहुंचकर पूजन सामग्रियां खरीदती रहीं। इससे बाजारों में खासी चहल -पहल रही। अब 31 जनवरी को महिलाएं सुबह से ही व्रत शुरू कर देंगी। शाम तक वे उपवास करेंगी। इसके बाद पूजन की विधि पूरी करेंगी।
चतुर्थी की चंद्रमा के उदय होने पर वे उन्हें कलश में जल लेकर अर्घ्य देंगी। साथ ही अपनी संतान की दीर्घायु की कामना करेंगी। साथ ही भगवान गणेश को तिल और गुड़ से बने मिष्ठान्न का भोग अर्पित करेंगी। इसके साथ ही व्रत पूर्ण हो जाएगा। फिर स्वयं प्रसाद ग्रहण कर परिवार के सदस्यों में भी उसका वितरण करेंगी।
यह है व्रत का महत्व
वैसे तो गणेश चतुर्थी भाद्रपद माह में आता है जिसमे भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित कर 10 दिनों तक पूजन किया जाता है। यह व्यापक स्तर पर मनाया जाता है। लेकिन, माह गणेश चतुर्थी प्रति माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भी मनाई जाती है। इस तरह पूरे साल में 24 गणेश चतुर्थी यानी संकष्ठी चतुर्थी मनती है। उनमें से माघ माह की चतुर्थी को बहुत खास माना जाता है।