देश का आम बजट कल 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। बीता वित्तीय वर्ष कोरोना काल की भेंट चढ़ गया। जिन विषयों को लेकर प्रावधान किए गए, उस पर बंदिशें लग गई, तो देश की आर्थिक व्यवस्था कोरोना महामारी का भेंट चढ़ गया। सरकार के हिस्से का राजस्व लाॅक डाउन की वजह से बर्बाद हो गया। इसके बावजूद देश को पूरी मजबूती के साथ चलाने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोई कसर नहीं छोड़ी।
आज ’’मन की बात’’ में प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात का जिक्र भी किया है कि बीता वर्ष कोरोना महामारी की वजह से शून्य परक बीता, लेकिन देश की जनता ने जिस अदम्य साहस का परिचय दिया, जितनी सामध्र्यता का उदाहरण पेश किया वह पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन गया है। वहीं अब नए कलेंडर वर्ष में वैक्सीनेशन की शुरुआत हो चुकी है और देश की जनता पूरी शिद्दत के साथ अपनी बारी का इंतजार कर रही है, यह भी दुनिया के लिए बड़ा उदाहरण है, जिसकी तारीफ हो रही है।
सालभर के महामारी के इस दौर के बाद देश को सामान्य जनजीवन की ओर लेकर जाना भी आसान नहीं है, लेकिन कोशिशों से ही व्यवस्थाएं सुधरती है। पीएम मोदी ने कल पेश होने वाले बजट को लेकर कुछ संकेत दिए हैं। इसमें सबसे बड़ी चिंता स्वास्थ्य और व्यवसायिक गतिविधियों में तेजी व सुधार है। कोरोना महामारी ने देश को सिखाया है कि वक्त पड़ने पर बचत कितना काम आता है, लिहाजा आत्मनिर्भरता भी कल पेश होने वाले बजट का प्रमुख हिस्सा होगा।
कोरोना महामारी की वजह से देश की आर्थिक व्यवस्था जिस तरह से चरमराई है, छोटे और मध्यम कारोबारियों को जितना नुकसान उठाना पड़ा है, बचत पूंजी लोगों की समाप्त हुई है, इस पर भी बजट में विशेष प्रावधान किया जा सकता है, ताकि लोग आर्थिक और मानसिक परेशानियों से उबर सकें। लिहाजा करारोपण को लेकर छूट की सीमा पर बात हो सकती है।
शिक्षा पर सरकार नया प्रावधान की हिमायती बन सकती है, क्योंकि पूरे सालभर स्कूल बंद रहे हैं, बच्चों के साथ उच्च शिक्षण संस्थान भी इस महामारी से प्रभावित हुए हैं और छात्र-छात्राओं का एक साल बर्बाद हो गया है। ऐसे में शिक्षा को नई दिशा दिए जाने, आसान बुनियादी शिक्षा देने जैसे विषयों पर भी सरकार बड़ा प्रावधान कर सकती है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर एक बड़ा विषय है। अब तक तकनीकी मामलों को लेकर भारत चीन, जापान, सहित दुनिया के अन्य देशों पर निर्भर था, लेकिन चीन ने जिस तरह का रवैया अख्तियार किया है, उसके बाद से भारत ने तय कर लिया है कि परनिर्भरता को समाप्त करते हुए देश को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। इसके लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने की दिशा में प्रयास शुरू हो चुके हैं। इस बजट में इस विषय को ध्यान में रखते हुए बड़ा प्रावधान किए जाने की पूरी उम्मीद है।