बजट के दिन अक्सर शेयर बाजार लड़कखड़ा जाता है। पिछले 10 साल का ट्रेंड तो यही कह रहा है। प्रणव मुखर्जी से लेकर निर्मला सीतारमण तक, वित्त मंत्री चाहे जो रहा हो, बजट के दिन शेयर बाजार का रिएक्शन कभी ठंडा तो कभी बेहोशी वाला रहा है। बजट के दिन पिछले 10 साल में केवल तीन बार ही सेंसेक्स में बढ़त देखने को मिली है और सात बार बाजार को निराशा हाथ लगी है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समय में दोनों बार बाजार गिर चुका है। अंतरीम बजट के समय 5 जुलाई 2019 को सेंसेक्स 395 अंक टूटा था तो वहीं 1 फरवरी 2020 को आम बजट के दिन सेंसेक्स 900 अंक लुढ़क गया था। वहीं 2010 से लेकर 2012 तक प्रणव मुखर्जी के समय बजट के दिन सेंसेक्स दो बार गिर चुका है। वहीं पी. चिदंबरम ने 28 फरवरी 2013 को बजट पेश किया था और सेंसेक्स 291 अंक फिसल गया था। वहीं अरूण जेटली ने 2014 से 2018 तक कुल 5 बजट पेश किए और इस दौरान दो बार बाजार में तेजी दिखी थी।
पिछले 10 बजट के दिन सेंसेक्स का हाल
तारीख | वर्ष | वित्त मंत्री | तेजी/गिरावट |
26 फरवरी | 2010 | प्रणब मुखर्जी | -175 |
28 फरवरी | 2011 | प्रणब मुखर्जी | 123 |
16 मार्च | 2012 | प्रणब मुखर्जी | -220 |
28 फरवरी | 2013 | पी. चिदंबरम | -291 |
10 जुलाई | 2014 | अरूण जेटली | -72 |
28 फरवरी | 2015 | अरूण जेटली | 141 |
29 फरवरी | 2016 | अरूण जेटली | -52 |
01 फरवरी | 2017 | अरूण जेटली | 476 |
01 फरवरी | 2018 | अरूण जेटली | -59 |
05 जुलाई | 2019 | सीतारमण | -395 |
01 फरवरी | 2020 | सीतारमण | -900 |
बजट के दिन पिछले 10 साल में पिछले साल सबसे बड़ी गिरावट हुई थी। पिछले साल आम बजट 2020-21 से निवेशक इस कदर निराश हुए की बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 988 अंक टूटकर 40,000 अंक के स्तर से नीचे आ गया और एनएसई निफ्टी 276.85 लुढ़क कर 11,685.25 अंक पर बंद हुआ। इस बार यानी एक फरवरी 2021 को बाजार किस करवट बैठेगा अभी ये कहना मुश्किल है। हालांकि ज्यादातर विशेषज्ञ बाजार गिरने का अनुमान लगा रहे हैं।