देश-विदेश की प्रमुख ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी ठगी का शिकार हो गई। कानपुर के शातिरों ने कंपनी को तीन करोड़ का चूना लगा दिया। जब कंपनी के अधिकारियों को इसकी जानकारी हुई तो कानपुर के गोविंद नगर में मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने मामले में पांच शातिर आरोपितों को गिरफ्तार करके ठगी का राजफाश कर दिया। शातिरों से ठगी का तारीका जानकर पुलिस ही नहीं बल्कि कंपनी के अफसर भी हैरान रह गए हैं।
कंपनी के वेंडर समेत पांच पकड़े गए
देश की जानी-पहचानी ऑनलाइन सामान विक्रय करने वाली कंपनी के अफसरों ने शुक्रवार को गोविंद नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने गहन छानबीन के बाद कंपनी के वेंडर विश्वबैंक निवासी उदय कुमार, नौबस्ता निवासी अमित पटेल, बर्रा सात निवासी प्रदीप सिंह, सिविल लाइंस निवासी जितेंद्र सिंह, महादेव नगर कच्ची बस्ती निवासी विकास कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। जब आरोपितों से पूछताछ की गई तो ठगी का तरीका सुनकर पुलिस अफसर भी दंग रह गए। ये शातिर ठग अबतक कंपनी को तीन करोड़ रुपये का चूना लगा चुके हैं।
ऑनलाइन कंपनी के जांच अधिकारी मूलरूप से गोंदा तरबगंज निवासी जय सोनी तीन करोड़ की धोखाधड़ी के मामले की जांच करने के लिए कंपनी के अधिवक्ता जितेंद्र सैनी, स्टाफ रितेश राय और चालक विपिन यादव के साथ आए थे। जांच के बाद उन्होंने गोविंद नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। एफआइआर की कॉपी लेकर वहां से निकले थे कि रास्ते में अज्ञात 30-40 लोगों ने उनकी कार घेरकर गाड़ी के शीशे तोड़ दिए। विरोध करने पर तमंचा तान दिया। किसी तरह से चालक गाड़ी लेकर एसपी साउथ दफ्तर के पहुंचा। जहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने हमलावरों को खदेड़ा। इसके बाद उन्हें पुलिस सुरक्षा में शहर के बॉर्डर तक भेजा गया। पुलिस ने अज्ञात हमलावरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।
इस तरह लगाते थे कंपनी को चूना
पकड़े पांचों युवक बेहद शातिर निकलने। ऑनलाइन कंपनी में ऑर्डर बुक कराने के बाद सामान रिफंड कराकर अबतक करीब तीन करोड़ की धोखाधड़ी कर चुके हैं। गोविंद नगर थाना प्रभारी ने बताया कि दादा नगर स्थित डिलीवरी स्टेशन के कर्मी अपने परिचितों से आइफोन, जूसर मिक्सर ग्राइंडर, पंखे समेत अन्य महंगे सामान की बुकिंग कराते थे। इसके बाद उसे रिफंड करने के लिए मैसेज कर देते थे। ऑर्डर पर आने वाले ओरिजिनल सामान को बाजार में महंगे दाम पर बेंच देते थे।
इसके बाद खराब या डुप्लीकेट सामान कंपनी को रिफंड में पहुंचा देते थे। इससे कंपनी का नुकसान हो रहा था। बाजार में बेचे जाने वाले माल का दस फीसद हिस्सा कर्मचारियों को मिलता था। कई बार शिकायतें आने के बाद कंपनी के जांच प्रबंधक जय सोनी ने छानबीन की, जिसमें पूरा मामला पकड़ में आया। दिल्ली से आए कंपनी के अधिवक्ता जितेंद्र सैनी ने गोविंद नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।