छत्तीसगढ़ में पल्स पोलियो अभियान के तहत शून्य से लेकर पांच वर्ष तक के 35 लाख से अधिक बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई गई। अभियान के तहत 31 जनवरी को स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश भर में बनाए गए विभिन्न बूथों में बच्चों को दवा पिलाई गई। रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंडों में मोबाइल टीमों के माध्यम से बच्चों को पोलियो से बचाव के लिए दवा पिलाने की व्यवस्था की गई थी। 31 जनवरी को दवा पीने से रह गए बच्चों को मॉप-अप राउंड के दौरान 1 फरवरी और 2 फरवरी को घर-घर जाकर दवा की खुराक दी गई। अभियान के अंतर्गत 31 जनवरी को कुल 30 लाख 72 हजार तथा मॉप-अप राउंड में 1 फरवरी को तीन लाख 37 हजार और 2 फरवरी को 92 हजार बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई गई।
पल्स पोलियो अभियान के अंतर्गत बालोद जिले में 77 हजार 130, बलौदाबाजार-भाटापारा में एक लाख 80 हजार 257, बलरामपुर-रामानुजगंज में 92 हजार 738, बस्तर में एक लाख 23 हजार 720, बेमेतरा में 94 हजार 661, बीजापुर में 41 हजार 587, बिलासपुर में दो लाख 71 हजार 847, दंतेवाड़ा में 40 हजार 887, धमतरी में एक लाख पांच हजार 210, दुर्ग में दो लाख 19 हजार 487, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 52 हजार 685, गरियाबंद में 89 हजार 367, जांजगीर-चांपा में दो लाख 36 हजार 177 और जशपुर में एक लाख दस हजार 439 बच्चों को दवा पिलाई गई।
अभियान के तहत कांकेर में 73 हजार 100, कबीरधाम में एक लाख दस हजार 779, कोंडागांव में 71 हजार 134, कोरबा में एक लाख 72 हजार 359, कोरिया में 90 हजार 875, महासमुंद में एक लाख 12 हजार 635, मुंगेली में एक लाख 19 हजार 674, नारायणपुर में 19 हजार 398, रायगढ़ में एक लाख 76 हजार 981, रायपुर में तीन लाख 43 हजार 252, राजनांदगांव में दो लाख चार हजार 318, सुकमा में 35 हजार 902, सूरजपुर में एक लाख 401 तथा सरगुजा जिले में एक लाख 33 हजार 733 बच्चों को पोलियो की खुराक दी गई।