जोधपुर। काला हिरण शिकार एवं आर्म्स एक्ट मामले में फिल्म स्टार सलमान खान की मुश्किलें अब और बढ़ सकती है. इस मामले में सरकार और फिल्म अभिनेता सलमान खान की अपील पर हो रही सुनवाई के दौरान सलमान कोर्ट से लगातार 17 बार हाजरी माफी ले चुके हैं. अब सलमान खान हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे हैं. सलमान कोर्ट में व्यक्तिगत उपस्थित होने के जगह अब वर्चुअली उपस्थित होना चाहते हैं ताकि वे मुंबई से सीधे कोर्ट में अपनी हाजरी दे सके.
सलमान की याचिका पर गुरुवार को हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य और केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. मामले की सुनवाई अब शुक्रवार को होगी. सलमान को छह फरवरी को जोधपुर की कोर्ट में उपस्थित होना है. हाईकोर्ट इस मामले में क्या फैसला देता है इस पर विधि विशेषज्ञों की नजरें टिकी हैं. क्योंकि यह आदेश अन्य मामलों में एक नजीर बनेगा.
यह याचिका पेश की है सलमान ने कोर्ट में
सलमान खान की ओर से हाईकोर्ट में पेश याचिका पर गुरुवार को सुनवाई के दौरान अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने खंडपीठ को बताया कि कोरोना के कारण सलमान जोधपुर कोर्ट में उपस्थित नहीं हो पा रहे हैं. ऐसे में उन्हें मुंबई से वर्चुअली उपस्थिति दर्ज कराने की अनुमति प्रदान की जाये. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायाधीश दिनेश मेहता की खंडपीठ में मामले सुनवाई करते हुये राज्य और केन्द्र सरकार को अपना पक्ष पेश करने को कहा है. अगली सुनवाई कल यानी शुक्रवार को होगी.
17 बार हाजरी माफी ले चुके हैं सलमान, अब कोर्ट उठा सकता है सख्त कदम
कांकाणी हिरण शिकार एवं आर्म्स एक्ट में विचाराधीन मामले की सुनवाई के दौरान सलमान खान लगातार 17 बार हाजरी माफी ले चुके हैं. ऐसे में इस बार छह फरवरी को उन्हें हाजरी माफी मिलने की संभावना काफी कम हैं. कोर्ट इस बार सख्त रुख अपनाते हुए उनकी जमानत रद्द करने जैसा कदम भी उठा सकती है. इसके चलते सलमान को आगामी 6 फरवरी को जिला एवं सेशन जिला जोधपुर कोर्ट में उपस्थिति देने के लिये हर हालत में आना होगा. जोधपुर आने से बचने के लिए सलमान अब हाईकोर्ट की शरण में आये हैं.
इस याचिका पर हाईकोर्ट का फैसला होगा महत्वपूर्ण
राजस्थान उच्च न्यायालय के समक्ष सम्भवतया यह ऐसा पहला मामला आया है जिसमें किसी विचाराधीन मामले में आरोपी ने वर्चुअल सुनवाई की मांग है. विधि विशेषज्ञ एवं वरिष्ठ अधिवक्ता आनन्द पुरोहित और अभिषेक शर्मा की मानें तो यह बहुत ही अहम विषय है. क्योंकि यदि खंडपीठ सलमान खान को इस मामले में राहत देते हुए वर्चुअल पेशी की इजाजत देती है तो विभिन्न न्यायालयों में लंबित हजारों मामलों में अन्य आरोपियों के लिये भी यह आदेश एक न्यायिक नजीर के रूप में कारगर साबित होगा. यदि खंडपीठ सलमान खान की याचिका को खारिज कर देती है तो भी यह फैसला एक नजीर बनेगा.