प्रयागराज: किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महाराज ने किन्नर समाज का धार्मिक उत्पीड़न करने वालों की कड़ी निंदा करते हुए उच्चतम न्यायालय जाने की चेतावनी दी है। माघ मेला शिविर में महामंडलेश्वर ने बताया कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के कुछ ऐसे पदाधिकारी है जो आए दिन किन्नर अखाड़ा और उनके पदाधिकारियों की धार्मिक और सामाजिक उपेक्षा करने से नहीं कतराते। किन्नर अखाड़ा अब धार्मिक उत्पीडन बर्दाश्त नही करेगा और वह उच्चतम न्यायालय की शरण लेगा।
आचार्य महामण्डलेश्वर ने कहा कि किन्नर अखाड़ा धर्म परिवर्तन रोकने में लगा हुआ है। इससे बडी संख्या में लोग सनातन धर्म में वापसी करने लगे है। वर्ष 2015 में जब से किन्नर अखाड़ा का गठन हुआ है, तब से बड़ी संख्या में ऐसे लोग जो किसी कारण से या मजबूरी में सनातन धर्म को छोडकर इस्लाम कबूल लिया था, वह सभी लोग फिर से सनातन धर्म में वापसी करने लगे है। उन्होंने बताया कि घर वापसी करने वालो को किन्नर अखाड़ा सामाजिक और आर्थिक रूप से संरक्षण देते हुए समाज की मुख्यधारा में लाने का कार्य कर रहा है। महामारी कोविड़-19 के दौरान पिछले साल 23 मार्च से 15 जनवरी तक किन्नर अखाड़ा ने लोगों और किन्नरों में 100 टन खाद्यान्न,घी, तेल, चीनी,चायपत्ती, मसाला, नमक, दूध पाउडर, साबुन,मास्क, सेनेटाइजर समेत अन्य सामग्रियां वितरित किया है।
आचार्य महामण्डलेश्वर ने कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि किन्नर समाज किसी भी प्रकार के विरोध का मुंहतोड़ जवाब दिया जायेगा। उन्होने कहा कि उच्चतम न्यायालय के नास्ला जजमेण्ट किन्नरों के पक्ष में आया है लेकिन सरकार की ओर से किन्नरो की बेहतरी के लिये अभी तक कोई काम शुरू तक नही किया गया है और न/ न ही उनको सरकारी योजनाओं का लाभ ही मिल रहा है।