अगर आप सुबह सो कर उठे और आपको बैंक से एक मैसेज मिले कि आपके खाते में 36 लाख रूपए डाले गए हैं तो, एक पल के लिए तो आप खुश हो जाएंगे। लेकिन यह आपके लिए परेशानी का सबब भी बन सकती है। ऐसा ही कुछ तुकमीरपुर स्थित राजकीय कन्या उच्चतर विद्यालय नंबर-एक की शिक्षिका वंदना चौहान के साथ हुआ। मंगलवार को सुबह आंख खुली तो पता चला कि कहीं से 36 लाख रुपये खाते में आए हैं। वह घबरा गईं। इसके बाद बैंक पहुंचकर इस संबंध में शिकायत दी कि उनके खाते में इतनी बड़ी रकम पहुंची हैं।
बैंक ने जांच की तो पता चला कि उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से राशि जारी की गई है। वास्तव में यह रकम उप्र राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड के लिए जारी की गई थी, लेकिन तकनीकी गलती से शिक्षिका के खाते में पहुंच गए। बहरहाल, बैंक ने उक्त राशि को फ्रीज कर दिया है। इस संबंध में उप्र सरकार और राशि जारी करने बैंक को सूचना दे दी गई है।
वंदना परिवार के साथ नेहरू विहार में रहती हैं। उनके पति राजकीय बाल उच्चतर विद्यालय नंबर-दो में मोहित कुमार भी शिक्षक हैं। वंदना ने बताया कि सुबह मोबाइल में आए एसएमएस को देखा तो पता चला कि 36 लाख रुपये कहीं से आए हैं। उन्होंने अपने पति को इसकी जानकारी दी। इसके बाद स्कूल पहुंचीं। स्कूल से छुट्टी के बाद वह पति को लेकर ज्योति नगर, लोनी रोड स्थित आइडीबीआइ बैंक की शाखा में पहुंचीं।
उनका खाता इसी शाखा में है। यहां शाखा प्रबंधक को उन्होंने शिकायत दी। बैंक कर्मियों ने जांच की पता चला कि यह रकम लक्ष्मी भवन, निशातगंज, लखनऊ स्थित पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से जारी हुई है। पीएनबी में संपर्क करने पर पता चला कि उप्र सरकार की तरफ से इस राशि का भुगतान राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड को किया गया था।
इस एजेंसी का खाता आइडीबीआइ बैंक के लखनऊ शाखा में है। तकनीकी गड़बड़ी की वजह से ऐसा हुआ है। इसके बाद बैंक ने उनके खाते में पड़ी 36 लाख रुपये की रकम को फ्रीज कर दिया है। बाकी रकम वह इस्तेमाल कर सकती हैं। वंदना ने बताया कि यह उनका वेतन का खाता है। इसमें वेतन के अलावा कुछ नहीं आता है। वेतन दो दिन पहले ही आ चुका था।