नई दिल्ली। कनाडा की संस्था पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन ने किसान आंदोलन को लेकर वैश्विक कैंपेन चलाने में अहम भूमिका निभाई है l सूत्र ने बताया कि कनाडा के बाहर के कई राजनीतिक नेता और कार्यकर्ता किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं l
Itna kum… !!! Itne ki toh main apne friends ko gifts de deti hoon ….. kitne saste hain yeh sab yaar hahahaha biggest fraud @Forbes incomes, they have no access to any financial data of celebrities still claim fake incomes of stars, sue me @Forbes if I am lying … https://t.co/ofOrapWl4z
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) February 5, 2021
मिली जानकारी के अनुसार स्काइरॉकेट नामक एक पीआर फर्म ने पॉपस्टार रिहाना को किसान आंदोलन के पक्ष में ट्वीट करने के लिए ढाई मिलियन डॉलर की रकम दी थी l भारतीय रुपए में यह 18 करोड़ रुपए होते हैं l सूत्रों ने यह भी बताया कि पर्यावरणवादी ग्रेटा थनबर्ग को दी गई टूलकिट उन्हें ‘स्पून फीडिंग’ करने के दी गई थी और ऐसा देश में बड़े पैमाने पर अशांति फैलाने के लिए किया जा रहा था l
मो धालीवाल पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन की डायरेक्टर हैl अनीता लाल भी पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन की सह-संस्थापक हैl इसी ऑर्गेनाइजेशन ने ग्रेटा थनबर्ग को ‘साजिश का टूलकिट’ शेयर किया थाl किसान आंदोलन के बारे में ट्वीट करते हुए रिहाना ने पूछा था कि लोग इसके बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैंl इसके बाद ग्रेटा थनबर्ग और एडल्ट फिल्मों की अभिनेत्री मियां खलीफा भी इससे जुड़ गईl हालांकि यह पूरा षड्यंत्र उस समय नाकाम हो गया, जब ग्रेटा थनबर्ग ने गलती से टूलकिट को सोशल मीडिया पर शेयर कर दियाl इसमें पूरी जानकारी दी गई है कि कैसे नवंबर 2020 से भारत के खिलाफ षड्यंत्र रचने की शुरुआत की गई थीl जैसे ही यह टूलकिट सामने आया, भारत के कई प्रतिष्ठित लोग देश के खिलाफ चल रहे अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र को नाकाम करने के लिए एकजुट होकर खड़े हो गए। इनमें सचिन तेंदुलकर, लता मंगेशकर, कंगना रनोट जैसे कई नाम शामिल हैl
why aren’t we talking about this?! #FarmersProtest https://t.co/obmIlXhK9S
— Rihanna (@rihanna) February 2, 2021
इस रिपोर्ट पर कंगना ने भी ट्वीट किया हैl उन्होंने लिखा है, ‘इतना कम! इतने की तो मैं अपने फ्रेंड्स को गिफ्ट्स दे देती हूं.. कितने सस्ते है ये सब यार हाहाहा.. फोर्ब्स की आय की सूची सबसे बड़ा फ्रॉड हैl उनके पास किसी भी कलाकार की वित्तीय लेन-देन की जानकारी नहीं होती अगर मैं झूठ बोल रही हूं तो फोर्ब्स मुझपर मानहानि का दावा कर सकता हैl’