देश में कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन प्रोग्राम जारी है। इसी बीच टीकाकरण के दौरान धांधली की खबरें आने लगी हैं। खबरें हैं कि वैक्सीन प्रोग्राम का निजी अस्पताल गलत फायदा उठा रहे हैं। वे अपने परिवार के सदस्यों और दोस्तों के नाम भी स्वास्थ्य कर्मियों की सूची में शामिल कर उन्हें टीका लगवा रहे हैं। दरअसल, सरकार ने पहले चरण में केवल स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों को वैक्सीन लगाए जाने की योजना बनाई है।
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में अमरावती का अचलपुर उप जिला अस्पताल जांच के दायरे में आ गया है। इस अस्पताल ने अपने परिवार के सदस्यों और दोस्तों को वैक्सीन लगवा दी है। सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार, केवल पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के स्वास्थ्य कर्मिंयों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को मुफ्त में वैक्सीन लगाए जाने की अनुमति है। इसी तरह के मामले चेन्नई और गोवा में भी देखे गए हैं।
अचलपुर स्थित भंसाली सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डॉक्टर आशीष भंसाली ने स्वास्थ्यकर्मी के रूप में परिवार के 19 सदस्यों और दो दोस्तों का नाम शामिल कराया है। यह जानकारी अखबार की रिपोर्ट से ली गई है। इन सभी को वैक्सीन का पहला डोज मिल चुका है। इस अस्पताल के नाम पर वैक्सीन लगवाने वालों में कारोबारी मनीष अग्रवाल और उनकी पत्नी का नाम शामिल है। ये डॉक्टर भंसाली के दोस्त हैं।
अधिकारियों को इस बात की जानकारी तब लगी, जब अग्रवाल ने कुछ स्थानीय लोगों को टीके के बारे में बताया। अधिकारियों ने सूची की जांच की और पाया कि भंसाली के परिवार के 19 सदस्यों को वैक्सीन दी जा चुकी है। जब उनसे बात की गई, तो डॉक्टर ने बताया, ’’मैंने सोचा कि स्वास्थ्यकर्मियों के करीबियों को सूची में शामिल किया जा सकता है, इसलिए मैंने अपने परिवार के सभी सदस्यों का नाम शामिल कर दिया।’’
इसी तरह का कारनामा डेंटल क्लीनिक चलाने वाले डॉक्टर दीपक वर्मा ने भी किया है। तालुका अधिकारियों ने फैसला किया है कि इस मामले में जब तक जांच और पूछताछ पूरी होने तक इन लोगों को वैक्सीन की दूसरी खुराक नहीं दी जाएगी। अचलपुर वैक्सीन केंद्र पर तैनात डॉक्टर सोनिया तिवारी का कहना है कि टीका लगवाने के लिए आने वाले लोगों की जांच करना काफी मुश्किल है।
उप-जिला हॉस्पिटल सुप्रिटेंडेंट डॉक्टर सुरेंद्र डोले ने कहा है कि अब उन्होंने अस्पताल की आईडी मांगनी शुरू कर दी है। उन्होंने बताया, ’’हमने अचलपुर में अब तक 800 से ज्यादा लोगों को टीका लगाया है, इनमें से 20 लोगों पर मेडिकल फील्ड से नहीं जुड़े होने का शक है। हमारा मानना है कि ऐसा हर जगह हो रहा है।’’