नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 72 दिनों से दिल्ली के बॉडर्रों पर चल रहे किसान आंदोलन का अब तक कोई हल नहीं निकल पाया है। इस मुद्दे पर लगातार बढ़ रहे विवाद को देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी खुद इस मसले का समाधान निकालने में जुट गए हैं। उन्होंने संसद भवन में कैबिनेट के वरिष्ठ सहयोगियों का साथ बैठक की है।
जानकारी के मुताबिक, “इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी भी मौजूद हैं। किसान आंदोलन की वजह से लोकसभा की कार्यवाही में लगातार विरोध बना हुआ है। जिसके चलते सरकार विभिन्न मसलों पर न तो चर्चा कर पा रही है और न ही विधेयक पास करवा पा रही है। पीएम मोदी सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपना संबोधन भी देंगे।
बता दें कि पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी से आए किसान टिकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर बैठकर लगातार ढाई महीने से धरना दे रहे हैं। इस मुद्दे पर किसानों ने 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकाली थी, जिसमें बड़े पैमाने पर हिंसा होने के बाद राकेश टिकैत समेत अन्य किसान नेताओं पर UAPA व अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
मुकदमे दर्ज होने के बाद राकेश टिकैत के सुर नरम पड़े
भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत पर लटकी गिरफ्तारी के बाद अब उनके सुर भी नरम पड़ने लगे हैं। देश में 6 फरवरी के होने वाले राष्ट्रव्यापी चक्का जाम से 12 घंटे पहले टिकैत ने यूपी और उत्तराखंड में चक्का जाम वापस लेने की घोषणा कर दी। इन राज्यों में भाजपा की सरकार है और हिंसा करने पर टिकैत को कड़ी कार्रवाई का डर था। वहीं, दिल्ली के बारे में राकेश टिकैत ने कहा कि यहां तो वैसे ही गाड़ियां बंद पड़ी हैं। इसलिए यहां पर चक्का जाम का कोई खास असर नहीं होगा।