नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को सदन में चर्चा के स्तर, लोगों की नजर में नेताओं की गिरती छवि को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने सभी निर्वाचित सांसदों से अपने पद की गरिमा को बनाए रखने और अपने कर्तव्यों पर ध्यान देने की अपील भी की है। परंतु खास बात यह है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि उपराष्ट्रपति ने सार्वजनिक रूप से इस तरह की चिंता जाहिर की है।
उपराष्ट्रपति ने क्या लिखा?
सबसे पहले जानते हैं 71 वर्षीय उपराष्ट्रपति ने अपने ट्वीट में क्या लिखा है। नायडू ने ट्वीट में लिखा कि सदन में चर्चा का स्तर गिर रहा है, लोगों की नजर में नेताओं की छवि गिर रही है, मेरी सब निर्वाचित सदस्यों से अपील है कि पद की गरिमा और अपने कर्तव्यों का ध्यान रखें।
सदन में चर्चा का स्तर गिर रहा है,
लोगों की नजर में नेताओं की छवि गिर रही है,
मेरी सब निर्वाचित सदस्यों से अपील है कि पद की गरिमा और अपने कर्तव्यों का ध्यान रखें। #MPLADS #Parliament
— Vice President of India (@VPIndia) February 5, 2021
दरअसल, उपराष्ट्रपति नायडू सदन में चर्चा के दौरान हो रहे हंगामे और सांसदों के व्यवहार को लेकर काफी आहत हैं। बीते दिनों की सदन की कार्यवाही और सभापति नायडू के बयान पर ध्यान दें तो यह बात साफ समझ आती है। नायडू ने इसे लेकर कहा भी था कि संसद में विरोध दिखाने के लिए सांसद मोबाइल पर वीडियो क्लिप बना रहे हैं। उन्होंने इसे विशेषाधिकार का हनन बताया था। वहीं शुक्रवार को भी सदन में कुछ नहीं बदला, शांति से चर्चा के बजाय हंगामा होता रहा।
बीते बुधवार को राज्यसभा में सदन की कार्यवाही के दौरान सभापति नायडू ने जो देखा उससे वह आहत दिखाई दे रहे हैं। असल में, संसद के बजट सत्र में नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है। यह तो सभी जानते हैं कि सदन की कार्यवाही का सीधा प्रसारण लोकसभा और राज्यसभा टेलीविजन से होता है। परंतु कार्यवाही के दौरान सदन के कैमरे अध्यक्ष के आसन की ओर होते हैं या फिर सदन में बोल रहे सदस्य की ओर।
इस स्थिति में सदन में नारेबाजी, हंगामा या बैनर दिखाने वाले सदस्यों पर कैमरे को फोकस नहीं किया जाता। ऐसे में अपने हंगामे को जनता तक पहुंचाने के लिए सांसदों ने मोबाइल से वीडियोग्राफी करना शुरू कर दिया है। वह अपने साथी सांसदों से सदन में नारे लगाते हुए वीडियो बनवा लेते हैं और फिर बाद में मीडिया को जारी कर देते हैं।
किसने किया शुरू
इस सत्र में ऐसी मोबाइल वीडियोग्राफी की शुरुआत लोकसभा में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने की थी। सभापति वेंकैया नायडू ने इसे लेकर सख्त एडवाइजरी जारी की और चेतावनी दी कि इस तरह की गतिविधि के खिलाफ संसद के विशेषाधिकार हनन और सदन के अपमान का मामला बन सकता है।
यह है नियम
सांसदों को फोन और टेबलेट लाने की अनुमति है, लेकिन उन्हें फोन बंद रखना होता है। मोबाइल से फोटो या वीडियो बनाने की अनुमति भी नहीं है।