रायपुर। भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने राजधानी पंडरी स्थित एकमात्र हाट बाजार को तोड़कर शापिंग काम्पलेक्स निर्माण के निर्णय का तीखे शब्दों में विरोध करते हुए कहा कि यह निर्णय प्रदेश भर के आर्थिक रूप से कमजोर परंतु कला के मामले में समृद्ध शिल्पकारो के साथ अन्याय है। इस निर्णय की जितनी निंदा व विरोध किया जाए कम है।
अग्रवाल ने एक बयान जारी कर कहा कि रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा हस्तशिल्प बोर्ड को वह जमीन लीज पर दी गई थी। हस्तशिल्प बोर्ड ने उस जमीन पर प्रदेश का पहला हाट बाजार का निर्माण किया गया। गरीब हस्त शिल्पियों द्वारा निर्मित उत्पादों के विक्रय हेतु एक मात्र बाजार है जिसमें प्रदेश भर के गरीब शिल्पकार अपने द्वारा निर्मित सामग्री का विक्रय कर अपने जीवकोपार्जन करते है व रोजगार सृजन करते हैं। इस हाट बाजार में सिर्फ शिल्प मिलते ही नहीं बल्कि नवोदित शिल्पकारों को प्रशिक्षण भी मिलता है एवं शिल्प से जुड़े राष्ट्रीय आयोजन भी होते हैं।
अग्रवाल ने कहा कि पूरा देश जब हस्तशिल्पियों को बाजार उपलब्ध कराकर उनके उत्पाद को जन-जन तक पहुंचाने के प्रयास में लगा है ऐसे समय में हस्तशिल्पियों से रोजगार के साधन छिनना उनका बाजार बंद करना, सीधे-सीधे अन्याय है।
अग्रवाल ने कहा कि पंडरी हाट बाजार छत्तीसगढ़ की पारम्परिक शिल्पकला को सहेजने के लिए और शिल्पकारों को रोजगार प्रदान करने के लिए, शिल्पकारों को अच्छा बाजार मिले यह सोंचकर शहर के मध्य भीड़ बाजार वाले इलाके में इस बाजार का निर्माण कराया गया था जिससे बाजार में आने वाले व शहर भर के नागरिक हाट बाजार में आ सके व शिल्पकारों के कला का महत्व मिल सके। छत्तीसगढ़ सरकार का शिल्प कला व शिल्पकारो को रौंदने वाला यह निर्णय है।
अग्रवाल ने कहा कि इस हाट बाजार का निर्माण केन्द्र एवं राज्य के संयुक्त सहयोग से हुआ था। पिछले 2 वर्षों में कोई नया शिल्प कला से जुड़ा कार्य तो नहीं कर पाई, निर्मित संस्थान को उजाड़ना छत्तीसगढ़ की शिल्प कला का अपमान हीं नहीं बल्कि अन्याय, आत्याचार एवं तानाशाही पूर्ण कदम होगा।
अग्रवाल ने कहा कि पंडरी में वैसे ही इतनी भीड़ भाड़ के कारण जाम होता है। पार्किंग व चलने की जगह नहीं होती है। यातायात को संभालना मुश्किल होता है ऐसे में नई दुकाने बनाना, शहर को बर्बाद करने जैसा है बल्कि वहां पर स्वीकृत दुकानों के प्लान को नीतिगत करना चाहिए।
बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से शिल्पकारों के साथ अन्याय व हाट बाजार को तोड़कर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाकर बेचने के निर्णय को वापस लेने की मांग की है।