मतरी जिले में हाथियों के एक दल ने गांव में घुसकर जमकर तबाही मचाया। कच्चा मकान, धान-गेहूं फसल, बोर कनेक्शन व नारियल पेड़ को तोड़कर क्षतिग्रस्त कर दिया है। इससे किसानों व ग्रामीणों को भारी नुकसान हुआ है। जिला मुख्यालय धमतरी से 15 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत तुमराबहार, विश्रामपुर व कसावाही क्षेत्र में कांकेर, बालोद जिले से होकर पिछले कुछ दिनों से हाथियों का दल यहां आकर ठहरा हुआ है।
छह फरवरी की रात हाथियों का दल ग्राम कसावाही के जंगल से होकर ग्राम पंचायत विश्रामपुर से होते हुए तुमराबाहर पहुंचा। यहां हाथियों के दल ने गांव में घुसकर ग्रामीणों के बाड़ियों में लगी फसल को जमकर नुकसान पहुंचाया है। ग्रामीण कौशल कुमार नेताम ने बताया कि प्रदीप सलाम, गुलाब विश्वकर्मा और सोहन कुंजाम के फार्म हाउस, बाड़ी व खेतों में लगे रबी धान फसल, तैयार गेहूं फसल, केला फसल व नारियल पेड़ तथा बोर कनेक्शन को तोड़कर क्षतिग्रस्त कर दिया है।
हाथियों के आतंक से ग्रामीण व किसानों को हजारों रुपये का नुकसान हुआ है। फिलहाल ग्रामीण हाथियों द्वारा पहुंचाए नुकसान की जानकारी फॉरेस्ट गार्ड के माध्यम से वन विभाग तक पहुंचा दी है। प्रभावित किसानों व ग्रामीणों ने वन विभाग से हाथियों द्वारा उनके फसल व सामग्रियों को पहुंचाए गए नुकसान का सर्वे कर वन विभाग के नियमावली के तहत मुआवजा दिलाने की मांग की है।
हाथियों पर नजर
हाथियों पर नजर रखने के लिए वन विभाग बालोद और धमतरी की टीम लगातार नजर रखे हुए हैं। बालोद वन विभाग की टीम राजाराव पठार के पास तैनात होकर जंगल की ओर घूम रहे हैं। वहीं धमतरी वन विभाग की टीम ग्राम कसावाही, तुमराबहार और विश्रामपुर के जंगलों में तैनात होकर हाथियों की आवाजाही की पड़ताल कर रहे हैं। क्योंकि हाथियों का दल जिस स्थान पर ठहरे हैं वह बालोद और धमतरी जिले की सीमा क्षेत्र के जंगल है।
ऐसे में हाथी कहीं भी जा सकते हैं। हाथियों के गांव में घुसने के बाद फिलहाल वन विभाग ने यहां बसे तीन-चार गांवों में अलर्ट जारी कर दिया है और जंगलों की ओर नहीं जाने के लिए मुनादी करा दी है। दरअसल, यह गांव सघन जंगल के बीच बसे हैं और यहां की सड़कों और जंगल क्षेत्र में अधिकांश समय सन्नाटा पसरा रहता है। ऐसे में ग्रामीणों के जान पर खतरा मंडराने लगा है।