प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दिया। करीब 80 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने बेहद सधे और सुलझे अंदाज में सदन को सबांधित किया। संबोधन के दौरान उन्होंने प्रमुख रूप से किसान आंदोलन, बंगाल और कृषि कानून पर बात रखी। पीएम मोदी ने देश के सवोच्च सदन राज्यसभा से किसानों को आंदोलन खत्म करने की अपील की। कानूनों में बदलाव का रास्ता भी सुझाया। वहीं, विपक्ष के हमले को लेकर कहा कि गालियां मेरे खाते में जाने दो। अच्छा आपके खाते में, बुरा मेरे खाते में। आओ मिलकर अच्छा करें।
आंदोलन खत्म कर मिलकर करें चर्चा
उन्होंने कहा कि आंदोलन करने वाले लोगों से अपील है कि वहां बूढ़े लोग भी बैठे हैं, आंदोलन खत्म करें, मिलकर चर्चा करते हैं। खेती को खुशहाल बनाने के लिए ये समय है, जिसे गंवाना नहीं है। पक्ष-विपक्ष हो, इन सुधारों को हमें मौका देना चाहिए। ये भी देखना होगा कि इनसे ये लाभ होता है या नहीं। मंडियां ज्यादा आधुनिक हों। एमएसपी था, है और रहेगा, इसके लिए देश के किसी भी किसान को ना तो आज और ना ही आने वाले कल में चिंता करने की आवश्यकता है। यह सरकार आपकी है, आपके हित का ही सोचते आई है और निरंतर सोचेगी।
उन्होंने कहा कि सदन की पवित्रता को समझें। जिन 80 करोड़ लोगों को सस्ते में राशन मिलता है, वो जारी रहेगा। आबादी बढ़ रही है, जमीन के टुकड़े छोटे हो रहे हैं, हमें कुछ ऐसा करना होगा कि किसानी पर बोझ कम हों और किसान परिवार के लिए रोजगार के अवसर बढ़ें। हम अगर देर कर देंगे। हम अपने ही राजनीतिक समीकरणों के फंसे रहेंगे तो कुछ नहीं हो पाएगा।