भारत और इंग्लैंड के बीच चार टेस्ट मैचों की सीरीज खेली जा रही है। सीरीज के पहले टेस्ट की दूसरी पारी में आर अश्विन ने छह विकेट लिए। पहला टेस्ट मैच चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेला जा रहा है, पहले तीन दिन जहां पिच पर बल्लेबाजी करना आसान था, वहीं चौथे दिन से टर्न और बाउंस मिलना शुरू हो गया है। अश्विन ने मैच के चौथे दिन छह विकेट लिए और कहा बॉलर्स की कब्रगाह पिच पर करीब 73 ओवर गेंदबाजी करना आसान नहीं था। अश्विन ने कहा कि उन्हें बॉलिंग करके इतनी खुशी मिलती है कि शरीर पर पड़ने वाले बोझ को भी भूल जाते हैं। इसके अलावा अश्विन ने बताया कि क्यों इंग्लैंड ने बड़ी बढ़त के बावजूद भारत को फॉलोऑन नहीं दिया।
अश्विन ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में 9 विकेट ले लिए हैं, जिसमें से छह विकेट दूसरी पारी में लिए। कमर में दर्द के कारण ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी टेस्ट से बाहर रहे अश्विन से उसके बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘लोग काफी रोचक विश्लेषण करते हैं कि क्या होगा और क्या नहीं लेकिन एक क्रिकेटर के जेहन में यह बात सबसे आखिरी होती है।’ उन्होंने कहा, ‘रोज 40 से 45 ओवर डालना और फिर नेट्स पर जाना मेरी क्रिकेट दिनचर्या का हिस्सा है। बॉलिंग में मुझे इतनी खुशी मिलती है कि कई बार शरीर साथ नहीं देता तो भी मैं गेंदबाजी करता रहता हूं। मुझे इससे इतना प्यार है।’
‘इंग्लैंड के फॉलोऑन नहीं देने से हैरान नहीं’
ईशांत शर्मा की तरह अश्विन ने भी माना कि पिच पूरी तरह से सपाट है और टॉस का रोल अहम रहा। उन्होंने कहा, ‘जब मैंने विकेट देखा तो मुझे लगा कि बल्लेबाजी के लिए अच्छा होगा लेकिन दूसरे दिन से बेहतर होता जाएगा। यह वाकई सपाट पिच है और टॉस काफी अहम रहा।’ अश्विन ने कहा, ‘फिर भी मेरा मानना है कि हमने आज अच्छी वापसी की। पांचवें दिन अच्छा खेलने पर हम जीत भी सकते हैं।’ वॉशिंगटन सुंदर ने लगातार दूसरे टेस्ट में हाफसेंचुरी बनाई और तमिलनाडु और नैशनल टीम में उनके साथी खिलाड़ी अश्विन ने उन्हें खास बल्लेबाज बताया। उन्होंने कहा, ‘वह शानदार बल्लेबाज है। कई लोग टी20 क्रिकेट के आधार पर आकलन करते हैं, जिसमें वह सातवें नंबर पर उतरता है। हर कोई उसकी खास प्रतिभा को नहीं पहचान पाता कि वह कितना खास बल्लेबाज है।’ अश्विन ने यह भी कहा कि फालोआन नहीं देने के इंग्लैंड के फैसले से वह हैरान नहीं थे। उन्होंने कहा, ‘उनके पास दो ऑप्शन थे लेकिन उन्होंने अपने गेंदबाजों को आराम देने के लिए फॉलोआन नहीं दिया। बाहर से यह बात उतनी अच्छी तरह से नहीं समझी जा सकती क्योंकि कई बार तरोताजा गेंदबाज थके हुए गेंदबाजों की तुलना में कमाल कर सकते हैं।