प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समिट-लेवल की बातचीत की। इस दौरान गनी ने कोरोना वैक्सीन मुहैया कराने के लिए भारत का आभार जताया। साथ ही पीएम मोदी ने अफगानिस्तान में बढ़ रही हिंसा पर चिंता व्यक्त की।
बातचीत करते हुए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा, ”इस महत्वपूर्ण समय में वैक्सीन की 5,00,000 खुराकें हमें देने का आपने फैसला किया। इससे बड़ा तोहफा कोई और नहीं हो सकता है।” पीएम मोदी ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान, दोनों इस क्षेत्र को आतंकवाद से मुक्त देखना चाहते हैं। हम अफगानिस्तान में बढ़ती हिंसा से चिंतित हैं और युद्ध विराम का समर्थन करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोई बाहरी ताकत अफगानिस्तान के विकास और भारत के साथ दोस्ती को रोक नहीं सकती है। उन्होंने आगे कहा कि दक्षिण एशिया की समृद्धि, कनेक्टिविटी और स्थिरता के लिए एक संप्रभु और एकजुट अफगानिस्तान आवश्यक है। शांति अफगान के लोगों की इच्छा है, लेकिन यह शांति शांति होनी चाहिए जो हिंसा को समाप्त कर दे।
वहीं, भारत और अफगानिस्तान ने बांध के निर्माण के एमओयू पर हस्ताक्षर भी किए। उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि शहतूत बांध काबुल को पीने के पानी की सुविधा देगा और सिंचाई के उद्देश्य से भी इस्तेमाल किया जाएगा।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने कहा कि इस डैम के जरिए से हम प्राकृतिक सौंदर्य को फिर से बनाने के अपने दृष्टिकोण को लागू करने में सक्षम होंगे। मैं भारत और पीएम मोदी को टीके के उपहार के अलावा, पानी के इस उपहार की पेशकश करने के लिए धन्यवाद देता हूं।