बजट सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संबोधन आज दूसरे दिन भी राज्यसभा में हुआ। इस दौरान उन्होंने सदन से सेवानिवृत्त होने वाले चार सदस्यों के प्रति अपनी शुभकामनाएं प्रस्तुत की। इसमें कांग्रेस के दिग्गज सदस्य गुलामनबी आजाद का नाम भी शुमार था।
पीएम मोदी ने उनके तारीफ में एक नहीं कई बातों का जिक्र किया। उनके मुख्यमंत्रित्व काल से लेकर सदन के सदस्य के तौर पर उनकी मौजूदगी, सजगता और एक बेहतर इंसान के तौर पर उनके पल प्रतिपल को जीवंत किया।
वहीं पीएम मोदी ने उस वक्त को याद किया, जब वे खुद भी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और गुजरात में दंगा भड़का हुआ था। आतंकी घटना के बाद गुलाम नबी आजाद के साथ फोन पर हुई बात का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में भावुक हो गए, पीएम मोदी ने कहा कि गुजरात के यात्रियों पर जब आतंकवादियों ने हमला किया, सबसे पहले गुलाम नबी आजाद जी का उनके पास फोन आया। वो फोन सिर्फ सूचना देने का नहीं था, फोन पर गुलाम नबी आजाद के आंसू रुक नहीं रहे थे। उन्होंने मुझे फोन किया और अपने परिवार के सदस्य की तरह चिंता की। मेरे लिए वो बड़ा भावुक पल था। एक मित्र के रूप में गुलाम नबी जी का मैं घटनाओं और अनुभव के आधार पर आदर करता हूं ।