रविवार को देवभूमि के चमोली में जलसैलाब की वजह से कितने लोगों की जान गई है, इसका वास्तविक आकलन कर पाना असंभव है। सूचीबद्ध लोगों में से अब तक 26 लोगों की लाशें तो 5 मानव के अंग मिले हैं। वहीं 197 लोगों के लापता होने की जानकारी सामने आई है। वहीं एनटीपीसी टनल में करीब 35 लोगों के फंसे होने की बात सामने आ रही है, जिन्हें निकालने के लिए रेस्क्यू आॅपरेशन लगातार जारी है।
प्रधानमंत्री से लेकर पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्री भी देवभूमि में आए इस जनसैलाब पर नजर बनाए हुए हैं, और हरसंभव मदद के लिए तैयारी में हैं। वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत भी इलाके का दौरा करने के साथ ही पल-पल की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।
दूसरी तरफ अपनों को खोने वालों का दर्द है, जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। टनल में काम करने वाले मजदूरों के परिजनों का रो-रोकर पूरा हाल है, लेकिन प्राकृतिक आपदा के आगे किसी का जोर नहीं चल सकता, इस सच्चाई का भी आभास उन्हें हैं। देवभूमि में आई इस प्राकृतिक आपदा को 72 घंटों का वक्त पूरा हो चुका है, ऐसे में फंसे लोगों में किसकी सांस चल रही होगी, नहीं चल रही होगी, कहा नहीं जा सकता।
परिजनों ने भी अपने लोगों के जीवित होने की आस छोड़ दी है, क्योंकि बीते तीन दिनों से मलबे के भीतर दबे लोगों की संास चलती रहे, इसकी संभावना कतई नहीं है। अब परिजनों को केवल इस बात का इंतजार है किसी तरह उनके अपनों का मृत शरीर ही उन्हें मिल जाए, ताकि उनका अंतिम संस्कार हो सके।
#WATCH उत्तराखंड: चमोली ज़िले में तपोवन सुरंग में बचाव अभियान जारी है, यहां करीब 35 लोगों के फंसे होने की आशंका है।
(वीडियो सोर्स: भारतीय सेना) pic.twitter.com/TNPgT9axvZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 9, 2021