नई दिल्ली। शास्त्रों में बताया गया है कि माघ महीने में जो अमावस्या आती है उसे मौनी अमावस्या या माघ अमावस्या कहा जाता है और इस अमावस्या का महत्व काफी अधिक होता है. इस साल मौनी अमावस्या 11 फरवरी 2021 दिन गुरुवार को है. पुराणों के अनुसार, इसी दिन से द्वापर युग का आरंभ हुआ था. माघ महीने में तो वैसे भी पवित्र नदियों में स्नान करने को बेहद शुभ माना जाता है लेकिन मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान या अन्य नदियों में स्नान का महत्व और भी अधिक फलदायी होता है और कई गुणा अधिक पुण्य भी प्राप्त होता है.
इस साल मौनी अमावस्या के मौके पर ग्रहों का विशेष संयोग बन रहा है. इस दिन श्रवण नक्षत्र में चंद्रमा है और मकर राशि में एक साथ 6 ग्रहों की मौजूदगी से एक महासंयोग बन रहा है जिसे महोदय योग कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि महोदय योग में कुंभ में डुबकी लगाने और गंगाजल से स्नान करने से शुभ फल प्राप्त होता है.
मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त
– फरवरी 11, 2021 को रात 1 बजकर 48 मिनट से मौनी अमावस्या आरंभ
– फरवरी 12, 2021 को रात 12 बजकर 37 मिनट पर मौनी अमावस्या समाप्त
– 11 फरवरी को दिन में 2 बजकर 5 मिनट तक महोदय योग और पुण्य काल रहेगा
मौनी अमावस्या का महत्व
मौनी अमावस्या पर पूजा
मौनी अमावस्या पर क्या दान करें
मौनी अमावस्या के दिन तेल, तिल, गुड़, अन्न, आंवला, सूखी लकड़ी, कपड़े, कंबल, ऊनी कपड़े, जूते आदि का दान करना चाहिए. गरीब और भूखे लोगों को भोजन करवाना चाहिए. मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत के साथ ही उपवास रखना भी शुभ फलदायी होता है.