गाजियाबाद के संजय नगर से लापता अधेड़ शख्स ज्ञान प्रकाश त्यागी का शव एक महीने से भी अधिक समय तक नाले में पड़े होने के बावजूद सुरक्षित हालत में मिला था। यह स्थिति उस समय थी जब फैक्ट्रियों से निकला केमिकल युक्त पानी नाले में भरा हुआ था। पुलिस ने सोमवार की शाम को ही नाले से शव निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया था। वहीं, मंगलवार की दोपहर शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया।
पॉलीथिन की तीन लेयर में लिपटा था शव
क्षेत्राधिकारी द्वितीय अवनीश कुमार के मुताबिक, उन्हें उम्मीद थी कि लंबे समय तक नाले में पड़े होने की वजह से शव सड़-गल गया होगा, लेकिन आरोपियों ने शव की पैकिंग इस तरह से की थी कि बाहर का पानी शव तक नहीं पहुंच पाया था। इसलिए शव थोड़ा फूल तो गया था, लेकिन खराब नहीं हुआ था। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने शव पर तीन लेयर में प्लास्टिक लपेटा था। ऊपर से बैग का लेयर था। उन्होंने बताया कि मंगलवार को शव का पोस्टमॉर्टम कराने के बाद शव परिजनों को दे दिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
गौरतलब है कि उधारी चुकाने से बचने के लिए चार जनवरी को संजय नगर में रहने वाले ज्ञान प्रकाश त्यागी की हत्या कर दी गई थी। आरोपी महिला और उसके पति ने ज्ञान प्रकाश का शव बैग में विधिवत पैक कर विजय नगर के औद्योगिक क्षेत्र से निकलने वाले नाले में डाल दिया था। पुलिस टीम ने सोमवार शाम हत्यारोपियों को पकड़ा और फिर इनकी निशानदेही पर नाले से शव बरामद कर लिया था। इस मामले में पुलिस तीसरे आरोपी ऑटो चालक उमेश की तलाश कर रही है।
बच्ची की वजह से हाथ आए आरोपी
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, मोदीनगर और मुरादनगर के एटीएम से पैसा निकालने गए आरोपियों की तस्वीर सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की पहचान होने के बाद पुलिस की कई टीमें आरोपियों के पीछे लग गई थीं। चूंकि आरोपी महिला अपनी बेटी को यहीं छोड़ कर फरार हुई थी और वह अपनी बेटी के संपर्क में भी लगातार बनी हुई थी। ऐसे में पुलिस भी बेटी की ही मदद से महिला तक पहुंची और इस तरह से घेराबंदी कर दी कि आरोपी महिला वापस गाजियाबाद आ गई।