छत्तीसगढ़। राज्य सरकार द्वारा चलाए गए लोन वरार्टू (Lon Varratu) यानी की घर वापसी अभियान के तहत लगातार नक्सली सरेंडर कर रहे हैं। नक्सलियों को मुख्य धारा में लाने के मकसद से ही प्रशासन ने वर्ष 2020 में इस अभियान को शुरू किया था। इस अभियान के तहत अब राज्य में 13 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इन 13 लोगों में से 3 पर ईनामी राशि का एलान किया था। दंतेवाड़ा में नक्सलियों द्वारा यह सरेंडर किया गया। पुलिस द्वारा जारी किए बयान के मुताबिक, 13 लोगों में 11 पुरुष और 2 महिलाएं हैं। कल दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव के सामने सभी ने सरेंडर किया।
पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने बताया कि जून 2020 में इस अभियान को शुरू किया था। उन्होंने बताया कि पिछले आठ महीनों में310 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है, जिनमें से 77 नक्सली पर ईनामी राशि का एलान किया गया था। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन अभियान के तहत सरेंडर करने वाले लोगों को पुनर्वास सहायता राशि के रूप में 10,000 रुपये की राशि प्रदान करेगा।
बता दें कि घर वापसी अभियान के तहत नक्सलियों को सरेंडर करने का मौका दिया जा रहा है। नक्सल इन्फ दंतेवाड़ा जिले की पुलिस ने नक्सलियों को हथियार छोड़ने के मुख्य धारा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उनके गांवों में डाक और बैनर भी लगाए हैं। पुलिस ने नक्सलियों को कहा हुआ है कि वे हथियार छोड़कर वापस गांव लौट आएंगे।
वहीं इन पोस्टरों में वरिष्ठ अधिकारियों का फोन नंबर भी दिया गया है जिससे माध्यम से नक्सली संपर्क कर सकते हैं। दंतेवाड़ा जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने बताया कि क्षेत्र मेंलोन वरार्टू नाम से एक अभियान चला है। ‘लोन वरार्टू स्थानीय गोंडी बोली का शब्द है और इसका अर्थ होता है अपने गांव लौट आना।