कानपुर। जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां थाना सजेती क्षेत्र के मढ़ा गांव निवासी 52 साल की गयावती उर्फ गोमती ने भगवान भोलेनाथ से मिलने की चाहत में समाधि ले ली। समाधि से पहले गयावती ने लाल साड़ी पहली और हाथ में त्रिशूल धारण किया। कहा कि उसके सपने में आकर भगवान भोलेनाथ ने उसे समाधि लेने के लिए आदेश दिया है।
उधर, महिला के समाधि की जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को लग गई। अफसरों ने महिला को बाहर निकाल तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने उसकी सेहत सामान्य बताई है। हालांकि इस दौरान गयावती काफी गुस्से में रही। उसने कहा कि उसकी तपस्या भंग हुई है।
प्रभु का था आदेश, माफ नहीं करेंगे
अंधविश्वास का यह मामला बुधवार का है। गयावती उर्फ गोमती को समाधि से बाहर निकालने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान जब गयावती को समाधि से जबरन बाहर निकाला गया और अस्पताल ले जाने की तैयारी की जाने लगी तो गुस्से में गयावती ने पुलिस वालों से कहा कि प्रभु का आदेश था। तुम सब ने मिलकर मेरी तपस्या भंग की है। यह ठीक नहीं किया है। प्रभु किसी को माफ नहीं करेंगे। सबको बराबर सजा मिलेगी।
5 साल से ले रही है समाधि
अंधविश्वास में घिर चुकी गयावती के पति रामसजीवन ने बताया कि वह ऐसा पहली बार नहीं कर रही है। हर साल गयावती 24 घंटे की समाधि लेती थी। समाधि लेने से पहले घर में विधि विधान से पूजा पाठ होता था। रामसजीवन ने पिछले वर्ष महिला ने 2 महीने तक अन्न, जल का त्याग कर पूजा पाठ करती रही है। लेकिन इस बार समाधि लेने की जानकारी पर प्रशासन ने पहुंच कर पत्नी की पूजा पाठ को भंग किया है।
वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि गयावती के इस कार्य को पूरा करने में परिवार भी उसका साथ देता है। गयावती ने मंगलवार को ऐलान किया था कि वह 48 घंटे के लिए समाधि लेगी। उसे भोलेनाथ का आदेश है। जिसके बाद परिवार के ही लोगों ने घर के बाहर टेंट लगाकर एक चबूतरे पर करीब 5 फीट से ज्यादा चौड़ा गहरा गड्ढा खोदा और सारी व्यवस्थाएं कर दी।
इसके बाद महिला ने पूजा पाठ करते हुए लाल साड़ी पहन, सिर में मुकुट लगाया और हाथ में त्रिशूल लेकर वह गड्ढ़े में बैठ गई थी। गयावती भगवान भोलेनाथ से बातचीत कर लोगों की समस्या का निवारण भी करती है। जिसके लिए उसके घर के बाहर दूरदराज से लोगों के आने से चलते भीड़ रहती है और लोगों को गोमती से मिलने के लिए घंटों इंतजार भी करना पड़ता है।
क्या बोले एसडीएम?
एसडीएम अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि समय रहते महिला को गड्ढे से बाहर निकाल कर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। महिला की स्थिति सामान्य है। ग्रामीणों से जानकारी मिली है कि अंधविश्वास के चलते उसने बताया था कि भगवान ने सपने में उसे समाधि लेने का आदेश दिया था। इसलिए उन्होंने ऐसा किया है।