बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को टेलीविजन रेटिंग पॉइंट (टीआरपी) से छेड़छाड़ करने के मामले में पत्रकार अर्नब गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी चैनल का संचालन करने वाली एआरजी आउटलायर मीडिया के अन्य कर्मचारियों को दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम सुरक्षा पांच मार्च तक बढ़ा दी।
बता दें कि ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रीसर्च काउंसिल (बार्क) ने टीआरपी के हेरफेर से जुड़ी एक शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि विज्ञापनदाताओं से ज्यादा राजस्व जुटाने के लिए कुछ टीवी चैनलों ने टीआरपी नंबर के साथ छेड़छाड़ किया। हाईकोर्ट ने टीआरपी मामले में मुंबई पुलिस की जांच को चुनौती देने वाली एआरजी की याचिका पर सुनवाई स्थगित करने के बाद अंतरिम राहत प्रदान की।
महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि पुलिस के आरोप पत्र के बाद पिछले सप्ताह दाखिल जवाबी हलफनामे में कई नए दस्तावेज शामिल किए गए हैं जो कि इस याचिका का हिस्सा नहीं हैं।
सिब्बल ने कहा कि उन्हें नए दस्तावेजों पर गौर करने के लिए समय चाहिए, इसलिए एआरजी की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे को इन दस्तावेजों के आधार पर दलीलें नहीं देनी चाहिए। हालांकि, साल्वे ने दस्तावेजों के आधार पर दलीलें पेश करने की बात कही।
गोस्वामी और अन्य को अगली तारीख तक अंतरिम संरक्षण प्रदान किए जाने के संबंध में सिब्बल के बयान को स्वीकार करने के बाद अदालत ने सुनवाई स्थगित कर दी। न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पितले की पीठ ने कहा कि वह पांच मार्च को संरक्षण की उनकी अंतरिम अर्जी पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सुनवाई करेगी।
पीठ पुलिस की जांच को चुनौती और जांच को सीबीआई या किसी स्वतंत्र एजेंसी को देने के अनुरोध को लेकर एआरजी की मुख्य अर्जी पर 16 मार्च को अदालत कक्ष में सुनवाई करेगी। एआरजी मीडिया और गोस्वामी ने पिछले साल उच्च न्यायालय में कई याचिकाएं दायर कर टीआरपी मामले में कई तरह की राहत देने का अनुरोध किया था।
पिछले महीने मुंबई पुलिस ने पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह और अपराध शाखा के एसीपी शशांक सांदभोर के जरिये हलफनामा दाखिल कर कहा था कि रिपब्लिक टीवी या उसके कर्मचारियों को निशाना नहीं बनाया गया।