रायपुर। राजधानी रायपुर की पुलिस जितना ज्यादा आदर्श प्रस्तुत करने की कोशिश करती है, उतना ही ज्यादा विवाद उनके साथ जुड़ जाता है। एक ताजा मामला सामने आया है, जिसमें एक आरक्षक ने डायल 112 के वाहन को लेकर भागने की ना सिर्फ कोशिश की, बल्कि राजधानी पुलिस को चुनौती भी दे डाली। हालांकि राजधानी की सीमा पारकर आरक्षक और ड्रायवर को वाहन सहित दुर्ग पुलिस ने धर दबोचा है, लेकिन सवाल यह है कि आखिर राजधानी पुलिस का आरक्षक अनुशासनहीन हुआ तो, आखिर क्यों? इसकी जवाबदेही पुलिस कप्तान से लेकर मातहत अधिकारियों की है, जिसका जवाब लेना जरूरी है।
जानकारी के मुताबिक रायपुर कोतवाली संभाग में तैनात डायल 112 वाहन को लेकर एक आरक्षक और ड्रायवर फरार हो गए। अफरातफरी के बाद आरोपी ड्राइवर और आरक्षक को दुर्ग पुलिस ने घेराबंदी कर वाहन सहित पकड़ा। तब जाकर अधिकारियों ने राहत की सांस ली। घटना के बाद एएसपी रायपुर ने आरक्षक को निलंबित कर दिया और वाहन चालक को बर्खास्त कर दिया है। बताया जा रहा है कि कोतवाली संभाग की डायल 112 टाइगर वन वाहन पर आरक्षक रामकिंकर गावड़े और तोषण सिन्हा ड्यूटी पर तैनात थे कि तभी डायल 112 कंट्रोल रूम से इंवेंट देने के लिये कॉल किया गया तो आरक्षक ने कोई जवाब नहीं दिया और वाहन में लगे वायरलेस सिस्टम को बंद कर दिया।
जिसके बाद वाहन में लगे जीपीएस सिस्टम के आधार पर वाहन की लोकेशन रायपुर सीमा के बाहर जाती मिली तो डायल 112 के आलाधिकारियों ने आरक्षक के पास स्थित सरकारी मोबाइल पर कॉल किया तो अधिकारियों को पकड़ने की चुनौती देते हुए नागपुर जाने की बात कही। जिसके बाद पीएचक्यू के आला अधिकारियों को सूचना दी गई। जिसके बाद दुर्ग पुलिस को पकड़ने के निर्देश दिये गये।