दुर्ग. छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच के अनुषांगिक संगठन छत्तीसगढ़ श्रमिक मंच और छत्तीसगढ़ मनरेगा मजदूर कल्याण संघ द्वारा प्रदेश में पहली बार मनरेगा मजदूरों का प्रांतीय सम्मेलन रविवार 14 फरवरी को दुर्ग के सिविल लाईन, गौरव पथ स्थित गोंडवाना भवन में किया जा रहा है, मनरेगा मजदूरों के प्रांतीय सम्मेलन के संबंध में जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ श्रमिक मंच के संयोजक एड. राजकुमार गुप्त और छत्तीसगढ़ मनरेगा मजदूर कल्याण संघ के अध्यक्ष राकेश कौशिक ने बताया है कि मनरेगा कानून में पंजीकृत मजदूरों को मांग पर 100 दिन का काम देने की गारंटी है, राज्य सरकार ने अपने बजट से अतिरिक्त 50 दिन काम देने की गारंटी प्रदान किया है इस प्रकार प्रदेश के मनरेगा मजदूरों को कुल 150 दिनों का काम दिया जाना है किंतु कानून का पालन करने में स्थिति अत्यंत दयनीय है, उन्होंने आगे बताया है कि दुर्ग जिला में पंजीकृत मनरेगा मजदूरों की संख्या लगभग 48 हजार से अधिक है किंतु एक साल में केंद्र के बजट से सिर्फ 4 हजार मजदूरों को ही 100 दिनों का काम दिया जा सका है जो पंजीकृत मजदूरों का मात्र 10% ही होता है इसी प्रकार राज्य के बजट से मात्र 40 लोगों को ही 50 दिनों का काम दिया जा सका है जो कुल पंजीकृत मजदूरों का लगभग 0.1% ही होता है, प्रदेश में पंजीकृत मनरेगा मजदूरों की संख्या लगभग 20 लाख है मनरेगा मजदूरों को काम देने के मामले में पूरे प्रदेश में यही स्थिति है, उन्होंने आगे बताया है कि राज्य में पंजीकृत मनरेगा मजदूरों को 100 दिनों का काम देने के लिये न तो केंद्र सरकार बजट का आबंटन करती है और न राज्य सरकार 50 दिनों का काम देने के लिये बजटीय प्रावधान करती है इस प्रकार केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही मनरेगा गारंटा कानून का पालन करने के लिये गंभीर और मजदूरों के प्रति संवेदनशील नहीं है।
मजदूरों के प्रांतीय सम्मेलन में विभिन्न जिलों से 100 से अधिक प्रतिनिधि होंगे शामिल
मनरेगा मजदूरों के प्रांतीय सम्मेलन में विभिन्न जिलों से 100 से अधिक प्रतिनिधियों के शामिल होने की संभावना है, प्रांतीय सम्मेलन में मनरेगा के लिये बजटीय आबंटन का प्रावधान करने सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा करके निर्णय लिये जायेंगे ।