दुर्ग। जिला अस्पताल में 2.80 करोड़ का ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट लगाया जा रहा है। सर्जिकल विंग के पास बने शेड में आक्सीजन बनाने वाली मशीनें इंस्टॉल कर दी गई हैं। कंपनी के इंजीनियर के अनुसार अब सिर्फ 10 प्रतिशत काम रह गया है। अगले दस दिन में यह चालू हो जाएगा। साथ ही, सेक्टर-9 के बाद जिले का दूसरा लिक्विड ऑक्सीजन पलांट भी जिला अस्पताल में लगाने की भी तैयारी चल रही है।
सीएस डॉ. पी बाल किशोर ने बताया कि लिक्विड ऑक्सीजन का टैंक अभी नहीं आया है। इसके लिए ऑक्सीजन जनरेट प्लांट के बगल में खाली जगह छोड़ी गई है।
ऑक्सीजन जनरेट प्लांट के इंजीनियर मनीष विश्वकर्मा ने कहा कि जिला अस्पताल में बन रहा प्लांट बिजली से संचालित होगा। प्लांट ऑन होने के बाद ऑक्सीजन सबसे पहले यहां लगी 1500 लीटर की टंकी में स्टोर होगा। इसके बाद पाइपों के जरिए वार्डों में पहुंचेगा। स्टोरेज तय सीमा से कम होने पर अलार्म बजने लगेगा। यह सिस्टम पूरी तरह से ऑटोमेटिक है। इससे कभी भी ऑक्सीजन की कमी को लेकर दिक्कतें सामने नहीं आएंगी। या समय रहते इसकी जानकारी एक्सपर्ट्स व डॉक्टरों को मिल जाएगी। इससे वैकल्पिक इंतजाम पहले से रखे जा सकेंगे। महीनेभर पहले इन उपकरणों को जिला अस्पताल में लाया गया। अब इनकी फिटिंग व अन्य जरूरी कार्य किए जा रहे हैं।
विशेषज्ञ डॉक्टर संजय गोयल के अनुसार ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट लगने से ऑक्सीजन सिलेंडरों को बार-बार रिफिल कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। विपरीत परिस्थितियां होने पर भी वार्डों में ऑक्सीजन की अनवरत सप्लाई जारी रखी जा सकेगी। कोरोना काल में हम सभी ने ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट की कमी महसूस की है। इस नई व्यवस्था से जिला अस्पताल सहित पूरे जिले को फायदा मिलेगा। निजी अस्पताल प्रबंधन भी इसका फायदा उठा सकेंगे। सेंट्रल ऑक्सीजन प्लांट के खराब होने की दशा में बैकअप के लिए भी यहां इंतजाम किए गए हैं। लिक्विड ऑक्सीजन सप्लाई का प्लांट इसी लिए लगाया जा रहा है। इसके अलावा ऑक्सीजन सप्लाई के लिए फिलहाल इस्तेमाल हो रहे जंबो सिलेंडर, पोर्टल सिलेंडर और पोर्टेबल ऑक्सीजन कांसन्ट्रेट भी सुरक्षित व चालू हाल में रखे जाएंगे। जिला अस्पताल में स्थापित इस प्लांट में फॉयर सेफ्टी के सारे इंतजाम हैं। इससे यह अस्पताल सबसे सुरक्षित हो गया है। हालही में यहां के नए वार्डों में भी फॉयर स्प्रिंकलर और स्मोक डिटेक्टर लगाए गए हैं। इससे धुंआ या आग की लपटें उठने पर ऑटोमेटिक पानी की बौछारें शुरू हो जाएंगी। यह पूरी तरह से ऑटोमेटिक है। फायर जैसी किसी भी अप्रिय स्थिति से तत्काल निपटा जा सकेगा।